
ASI Survey in Bhojshala: नईदुनिया प्रतिनिधि, धार। मध्य प्रदेश के धार की ऐतिहासिक भोजशाला में खोदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) की टीम को करीब 20 पत्थर ऐसे मिले हैं, जिन पर कई आकृतियां अंकित हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये आकृतियां सनातन प्रतीक चिह्न हैं।
बुधवार को सर्वे का छठा दिन था। परिसर में एएसआइ टीम ने निर्धारित स्थलों की 10 फीट तक खोदाई कराई है। बुधवार को खोदाई के लिए दो नए स्थान भी चिह्नित किए गए। टीम ने मुख्य परिसर के बीचों-बीच स्थित हवन कुंड का भी परीक्षण किया। लाल पत्थरों से बनी दीवारों और स्तंभ की भी बारीकी से परीक्षण किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो टीम कार्बन डेटिंग कराएगी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डा. आलोक त्रिपाठी दो दिन से सर्वे टीम में नहीं आ रहे थे, लेकिन बुधवार को वह भी परिसर में पहुंचे। सुबह से ही 17 सदस्यीय दल ने सर्वे कराया। 25 से अधिक मजदूरों को भी खोदाई में लगाया गया है। टीम को चार भागों में बांटकर सर्वे किया जा रहा है। वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और जीपीआर रडार के माध्यम से जांच की जा रही है।
सर्वे में खोदाई के दौरान जो पत्थर और अन्य अवशेष मिले हैं, उनको एएसआइ की टीम ने सुरक्षित किया है। इनके नमूने जांच के लिए भेज जाएंगे। हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने दावा किया है कि ये अवशेष सीधे तौर पर मंदिर और सनातनी संस्कृति के के प्रमाण हैं। इससे हिंदू समाज में उत्साह है।
सर्वे में एएसआइ टीम के साथ बुधवार को भी हिंदू पक्ष की ओर से गोपाल शर्मा और आशीष गोयल, जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से अब्दुल समद मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि हिंदू पक्ष की ओर से भोजशाला को सरस्वती मंदिर होने के दावे पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने परिसर के एएसआइ सर्वे के आदेश दिए हैं। इस परिसर में नमाज भी पढ़ी जाती है।
सर्वे में एक और कक्ष को किया शामिल
धार में मंगलवार को हिंदू धर्मावलंबियों के दर्शन-पूजन के लिए परिसर में आने की वजह से एएसआइ की टीम भोजशाला के भीतरी क्षेत्र में सर्वे करने नहीं जा पाई थी। बुधवार को पर्यटकों के लिए रोक होने के कारण भोजशाला पूरी खाली रही। टीम ने भीतरी परिसर में सर्वे का कार्य विशेष रूप से किया।
यहां पर कुछ स्थानों पर टीम ने वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की। मुख्य क्षेत्र में स्थित एक और कक्ष का सर्वे भी किया गया है। कक्ष के बारे में भी विस्तृत जानकारी अंकित कर ली गई है।
भीतरी क्षेत्र में यज्ञशाला से लेकर अन्य स्थानों को भी सर्वे में शामिल किया गया है। टीम ने सर्वे के दौरान मुख्य परिसर में मौजूद हवनकुंड का भी परीक्षण किया है। हवनकुंड में वसंत पंचमी पर हिंदू हवन करते हैं। हिंदू समाज के पक्षकारों के अनुसार, यह परंपरा पुरातन है।
