नईदुनिया प्रतिनिधि, धार। ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं और अब ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेने लगे हैं। ताजा मामला अमझेरा क्षेत्र का है, जहां गुरुवार को ठग ने कई सरपंचों और सरपंच प्रतिनिधियों को फोन कर खुद को अमझेरा थाना प्रभारी (टीआइ) रवींद्र कुमार बारिया बताकर बैंक खातों की जानकारी मांगी। इस दौरान ठग ने कहा कि उसका भतीजा प्रमोद, जो जबलपुर में रहता है, सरपंच के खाते में राशि डालेगा। इसके लिए खाता विवरण जरूरी है।
राजपुरा सरपंच प्रतिनिधि कैलाश खराड़ी से भी जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए अमझेरा थाने पर संपर्क कर वास्तविक टीआइ बारिया से बात की। बारिया ने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई फोन नहीं किया है और न ही वे कभी बैंक जानकारी मांगते हैं। इस प्रकार कैलाश खराड़ी ठगी का शिकार होने से बच गए। दूसरी ओर मिंडा ग्राम के सरपंच मयाराम मेड़ा ठग की बातों में आ गए और उन्होंने गांव के ही एक अन्य व्यक्ति के खाते के माध्यम से ठग द्वारा बताए गए खाते में दो बार में 55 हजार रुपये जमा करवा दिए।
चौटियाबालोद के सरपंच दिनेश मेड़ा को भी करीब दस दिन पहले ऐसा ही फोन आया था, लेकिन उन्होंने सतर्कता बरतते हुए कियोस्क बैंक पर जाकर जांच की। उन्हें मैसेज में 40 हजार रुपये आने का दिखाया गया था, लेकिन खाते में कोई राशि जमा नहीं हुई थी। टांडाखेड़ा के सरपंच ने भी ठग के कहने पर 500 रुपये उसके खाते में डाल दिए।
जब यह जानकारी अमझेरा थाना प्रभारी बारिया को मिली, तो उन्होंने फर्जी व्यक्ति को स्वयं फोन कर कहा कि मैं अमझेरा टीआइ बोल रहा हूं, लेकिन ठग ने मामला समझते ही फोन बंद कर दिया। बारिया ने बताया कि फर्जी काल की लोकेशन ट्रेस की गई है, जो मथुरा (उत्तर प्रदेश) की पाई गई है। मामले को जांच में लिया गया है।