Dhar Bhojshala: मध्य प्रदेश के धार पर आज देश की नजर… 22 साल पहले संघर्ष से ताले खुलवाए थे, अब न्याय से लेंगे पूर्ण अधिकार
भोजशाला के सर्वे में 94 सनातनी मूर्तियां मिली थीं। इनमें भगवान गणेश, शिव से लेकर अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं, जबकि 1700 अवशेष मिले थे। इसमें मुख्य रूप से 106 स्तंभ और 82 भित्ति चित्र के भी अवशेष भी शामिल थे। 31 सिक्के भी मिले। इसमें से एक परमार कालीन था।
Publish Date: Tue, 08 Apr 2025 07:48:13 AM (IST)
Updated Date: Tue, 08 Apr 2025 07:48:13 AM (IST)
धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला। (फाइल फोटो)HighLights
- 8 अप्रैल 2003 को खोला गया था ताला
- आज होने वाला सत्याग्रह होगा कुछ खास
- हिंदू समाज मनाएगा ताले खोलने का उत्सव
प्रेमविजय पाटिल, धार : हिंदू समाज ऐतिहासिक भोजशाला के लिए वर्षों से संघर्ष करता आ रहा है। 1997 में तत्कालीन कलेक्टर ने भोजशाला में हिंदू समाज के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद हिंदुओं ने लगातार आंदोलन किया, तब जाकर आठ अप्रैल 2003 को भोजशाला में हिंदुओं के प्रवेश का रास्ता साफ हुआ।
ताला खुलने के 22 साल पूरे हो रहे हैं। इस दिन मंगलवार होने से उत्सव का माहौल और भी खास रहेगा। हिंदू समाज भोजशाला के ताले खोलने का उत्सव मनाएगा। साथ ही, पूर्ण मुक्ति का संकल्प भी लेगा।
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भोजशाला पर पूर्ण अधिकार की तैयारी
- न्याय के दम पर भोजशाला पर पूर्ण अधिकार लेने की तैयारी की जा रही है। इस बारे में आंदोलन के सक्रिय पदाधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि भोजशाला में 12 मई 1997 को तत्कालीन कलेक्टर ने हिंदू समाज के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में समाज ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई और बड़े आंदोलन की शुरुआत हुई। 2002 में हुए आंदोलन में तीन लोग बलिदान भी हुए। आठ लोगों पर रासुका लगाया गया, और 2000 से अधिक लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा गया था।
करीब 14 हजार लोगों पर अन्य प्रकरण दर्ज किए गए थे। इस तरह के बलिदान के बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की तत्कालीन मंत्री भावना बेन चिखलिया ने आदेश दिया था कि मंगलवार को भोजशाला में पूजा अर्चना होगी, जबकि साल में एक बार बसंत पंचमी पर पूजा की जा सकती है।
वहीं शुक्रवार को नमाज होगी। शेष दिन आम पर्यटकों को भोजशाला में एक रुपये के शुल्क पर प्रवेश दिया जाएगा। अब इस आदेश के 22 साल पूरे होने जा रहे हैं। आठ अप्रैल को लेकर हिंदू समाज का उत्साह अपने चरम पर है। ![naidunia_image]()
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न्यायिक लड़ाई जारी रहेगी
हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की न्यायिक लड़ाई जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि भोजशाला को लेकर 22 मार्च 2024 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सर्वे शुरू किया गया था, जो करीब 100 दिनों तक चला। इसके बाद एएसआई ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्तमान में इस रिपोर्ट के क्रियान्वयन पर उच्चतम न्यायालय की रोक है। अब सुप्रीम कोर्ट की रोक को हटाने के लिए अप्रैल में सुनवाई होनी प्रस्तावित है।
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याचिकाकर्ता आशीष गोयल सहित अन्य लोग अपना पक्ष अगली सुनवाई में रखेंगे। हिंदू फ्रंट फार जस्टिस का कहना है कि भोजशाला पर धर्म स्थल उपासना अधिनियम प्रभावी नहीं है। इसलिए इसे हाई कोर्ट इंदौर द्वारा ही सुना जाना चाहिए।