Dhar Bhojshala ASI Survey नईदुनिया प्रतिनिधि, धार। ऐतिहासिक भोजशाला में 12वें दिन का सर्वे के दौरान हिंदू समाज ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया।हिंदू समाज का अंदर प्रवेश होने के नाते आज सर्वे बाहरी क्षेत्र में ही किया जा रहा है। राजा भोज और मां सरस्वती जय घोष के साथ में मां सरस्वती की प्रतिमा लंदन से बाहर पहुंचे और भोजशाला में स्थापित हो इस संकल्प के साथ महिलाएं और पुरुष बाहर आए हैं।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने धार में सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके चलते विशेष रूप से सर्वे को लेकर टीम ने मंगलवार को अपना काम शुरू किया है। भीतरी परिसर में पूजा अर्चना होना है इसलिए दोपहर 12 बजे तक बाहरी परिसर में ही सर्वे किया जाएगा। खुदाई भी जारी रहने का अनुमान है। हालांकि यह स्थिति दोपहर तक स्पष्ट हो पाएगी।
#WATCH | Shivkumar Bhargav says, "We have come here at Bhojshala for the darshan. We came to know that survey work is underway...We will have the darshan and also participate in the 'satyagraha'...I have come here several times...Bhojshala's history dates back to thousands of… https://t.co/XGCCDOSHXu pic.twitter.com/L4kIKnzDvH
— ANI (@ANI) April 2, 2024
12वें दिन के सर्वे के तहत 50 मीटर के दायरे को भी फोकस किया जाएगा। एक दिन पहले भी इसी परिसर में सर्वे टीम के सदस्य अलग-अलग क्षेत्र में पहुंचे थे और सर्वे कार्य किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू समाज में और भी ज्यादा उत्साह है। इसलिए माना जा रहा है कि सत्याग्रह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भोजशाला के एएसआई सर्वे कराने पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि उसकी इजाजत के बगैर सर्वे के नतीजों के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही कोर्ट ने भोजशाला के एएसआइ सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी, धार की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में भोजशाला का एएसआइ से सर्वे कराने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एएसआई को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट की इजाजत के बिना सर्वे रिपोर्ट में आने वाले नतीजे के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही स्पष्ट किया कि सर्वे के दौरान ऐसी कोई खोदाई नहीं दी जाएगी जिससे कि परिसर का चरित्र या प्रकृति बदलती हो।