
धार(नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर-दाहोद एवं छोटाउदयपुर-धार रेल लाओ महासमिति ने सोमवार को त्रिमूर्ति नगर स्थित अभिव्यक्ति स्थल पर दो घंटे के लिए धरना दिया। हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर रेल की मांग को बुलंद किया। दो घंटे के शांतिपूर्ण धरने के बाद में महा समिति के पदाधिकारियों ने नगर दंडाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें एक बार फिर मांग दोहराई गई है कि धार व झाबुआ जिले की रेल परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार दो हजार करोड़ का विशेष पैकेज उपलब्ध कराए। इस रेल परियोजना से आदिवासी बहुल दो जिलों के लाखों लोगों का भविष्य संवरेगा।
महासमिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम नगर दंडाधिकारी विशाखा देशमुख को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि मध्यप्रदेश व गुजरात के राज्य के लाखों आदिवासी किसानों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस राज में बंद पड़ी इंदौर-दाहोद व छोटा उदयपुर-धार रेल लाइन का कार्य प्रारंभ करवाया था। साथ ही यह कहा था कि इस पिछड़े क्षेत्र के विकास में यह रेल मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा। वर्षो पुरानी यह रेल योजनाएं सन 2022 में पूर्ण होकर रहेंगी। तब आदिवासियों को लगा था कि अब उनकी तकदीर और तस्वीर जल्द ही बदलेगी। सपनों की यह रेल जल्दी ही विकास रूपी पटरी पर दौड़ने लगेगी। लेकिन अब कोरोना की आड़ में पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक ने इतनी महत्वपूर्ण रेल परियोजना को बंद कर प्रधानमंत्री की रेल परियोजना को व क्षेत्र की जनता के सपनों को तोड़ दिया। इससे लाखों आदिवासियों का विकास रुक गया है। दूसरी तरफ नई रेल परियोजनाओं की घोषणा की जा रही है। पुरानी घोषणाओं को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया जा रहा है।
किसान आंदोलन जैसे प्रदर्शन की चेतावनी
ज्ञापन में कहा गया कि रेल परियोजना के भूमि पूजन की 13 वर्षगांठ पर शांतिपूर्ण धरना देकर निवेदन करते हैं कि आदिवासी क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग को गंभीरतापूर्वक विचार करें। अन्यथा एक माह बाद धार-झाबुआ जिला में किसान आंदोलन जैसा आंदोलन प्रारंभ करेंगे। रेल लाओ महासमिति पिछले 40 वर्षों से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर चुकी है। इसके अंतर्गत महाबंद, चक्का जाम, धरना प्रदर्शन, रेल रोको आंदोलन, जेल भरो आंदोलन एवं 12 हजार ज्ञापन राजनेताओं को दे चुकी है। सोमवार को ज्ञापन देते समय केंद्रीय अध्यक्ष पवन जैन गंगवाल, महेश माहेश्वरी, हुकुम कासलीवाल, प्रवीण टांक, कमल हलोल, शांतिलाल शर्मा, मुन्नालाल राठौर, भोला यादव, राजन ठाकुर, डॉ वेद, पीयूष जैन व महिलाओं की ओर से ममता गंगवाल, पद्मा जैन, सुधा कासलीवाल, नेहा छाबड़ा आदि उपस्थित थे।
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सांसदों की बैठक में कार्य करने का भरोसा दिलाया
रेल मामलों के जानकार डा. दीपक नाहर ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लालू यादव द्वारा 2008 में दोनों रेल परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद 13 साल में लगभग 40 प्रतिशत रेल राशि खर्च कर लगभग 50 प्रतिशत कार्य हो गया है।
1.राऊ से तिरला तक भूमि अधिग्रहण कर पूर्ण मुवाअजा किसानों को दिया।
2 राऊ से उटावद तक रेलवे द्वारा जमीन कब्जे में ले ली गई।
3 राऊ से गुणावद तक अर्थ-वर्क पूर्ण किया।
4- राऊ से टीही तक कुल 22 किमी तक रेल पटरी बिछा कर रेल आवागमन चालू किया। पिछले पांच साल से पीथमपुर से कंटेनर रेल मार्ग से जा रहे हैं।
5- टीही रेलवे प्लेटफार्म पूर्ण रूप से बन कर तैयार।
6 पीथमपुर में लगभग प्रस्तावित साढ़े तीन किलोमीटर लंबी रेल सुरंग में से लगभग दो किलोमीटर तक सुरंग खोदाई कार्य पूर्ण।
7- छोटा उदयपुर से आलीराजपुर तक रेल आवागमन चालू हुए एक वर्ष हो गया है।
8- दाहोद से कटवाड़ा तक अर्थ वर्क और पांच पुल का निर्माण पूर्ण। कुछ भाग पर पटरियां भी बिछा दी गई।
9-रेलवे पहले इंदौर धार के बीच कार्य शीघ्रता से पूर्ण कर आलीराजपुर छोटा उदयपुर की तर्ज पर रेल आवागमन शुरू करना चाहता है।
10- जो कार्य शेष है, उसे रेल मंत्रालय द्वारा पिछले माह ही रतलाम रेल मंडल में क्षेत्रीय सांसदों की ऑनलाइन बैठक में पूर्ण करने के आदेश दिए हैं।