103 वर्षीय गच्छाधिपतिश्री दौलतसागर सूरीश्वरजी का निधन, मालवा में शोक
गच्छाधिपति जैन धर्म के 32 आचार्यों, अनेक उपाध्याय, पन्यास मुनियों सहित करीब 850 साधु-साध्वियों के गणनायक थे।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Sun, 18 Feb 2024 06:53:49 PM (IST)
Updated Date: Sun, 18 Feb 2024 06:55:51 PM (IST)
गच्छाधिपतिश्री दौलतसागर सूरीश्वरजीनईदुनिया प्रतिनिधि, धार। सागर समुदाय के गच्छाधिपतिश्री दौलतसागर सूरीश्वर जी का महाराष्ट्र के पुणे में रविवार को देवलोकगमन हो गया। उनके निधन से संपूर्ण मालवांचल में शोक छा गया। सोमवार को पुणे के प्रसिद्ध जैन तीर्थ कात्रज में अंतिम संस्कार होगा। गच्छाधिपति जैन धर्म के 32 आचार्यों, अनेक उपाध्याय, पन्यास मुनियों सहित करीब 850 साधु-साध्वियों के गणनायक थे।
जैन श्वेतांबर मालावा महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र जैन ने बताया कि उन्होंने रविवार सुबह करीब 10:31 बजे अंतिम सांस ली। सोमवार प्रातः मिलिंद नगर के सुयश गार्डन से पालकी यात्रा प्रारंभ होकर प्रसिद्ध जैन तीर्थ कात्रज पहुंचेगी। स्मरणीय है कि गच्छाधिपति रविवार सवेरे ही तीन दिवसीय जिनेंद्र भक्ति महोत्सव को निश्रा देने के लिए प्रातः साढ़े सात बजे मिलिंद नगर पहुंचे थे।
उनके निधन पर मालव भूषण तप शिरोमणि आचार्यश्री नवरत्नसागर सूरीश्वर जी के पट्टधर युवाचार्यश्री विश्वरत्नसागर सूरीश्वर जी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे जिनशासन एवं सागर समुदाय की अपूर्णीय क्षति बताया। मालवा महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष मेहता एवं नवरत्न परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश जैन डग ने भी निधन पर दुख व्यक्त किया।
आगमोद्वारक के संपादक डा. सुभाष जैन (उज्जैन) ने गच्छाधिपति के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों के ज्ञात 118 पंचकल्याणक भूमि के दर्शन-वंदन पैदल विहार दो बार किए थे। आठ दिन में आचारण सूत्र भी याद किया था।