डिंडौरी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिला मुख्यालय स्थित मेकलसुता कालेज में शनिवार को वसंत पंचमी पर विद्यादायनी मां वीणावादिनी का पूजन अर्चन व हवन किया गया। कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि वसंत पंचमी का दिन देवी सरस्वती को समर्पित है, जो संगीत, कला, ज्ञान और विद्या की देवी है। वसंत पंचमी के दिन शिक्षा दीक्षा के लिए शुभ माना जाता है। वसंत पंचमी के अवसर पर विद्यार्थी पेन, कापी, किताबों की भी पूजा करते हैं। भारत देश के लगभग सभी स्कूल व कालेज में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। बताया गया कि वसंत पंचमी पर मां सरस्वती को पीले रंग के फूल और फल अर्पण किए जाने की मान्यता है। वसंत ऋ तु के आगमन का प्रतीक होता है यह दिन। इसलिए लोग मां गंगा के साथ-साथ अन्य पवित्र नदियों में भी डुबकी लगाते हैं।
वसंत को माना जाता है ऋ तुओं की रानी
खेतों में सरसों चमकने लगती है, गेहूं की बालियां भी खिल उठती हैं। ऋ तुओं में ग्रीष्म, वर्षा, शरद व पतझड़ भी वातावरण को प्रभावित करते हैं, लेकिन वसंत ऋ तु के आते ही पसीना, ठिठुरना, कीचड़ आदि नकारात्मक तत्व नहीं होते, पुष्प स्वयं खिलते हैं। प्रकृति के इसी परिवर्तन के कारण वसंत को ऋ तुराज या ऋ तुओं की रानी भी कहा जाता है। इस अवसर पर कालेज के संचालक इंजीनियर अनुराग बिलैया, रजिस्ट्रार डा. प्रदीप द्विवेदी, प्राचार्य डा. बीएल द्विवेदी, उपप्राचार्य डा. बीएस द्विवेदी, प्रो. निरंजन पटेल, प्रो. विकास जैन सहित कालेज स्टाफ और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
राजूषा स्कूल में वसंत पंचमी पर कार्यक्रम हुआ आयोजितः जिला मुख्यालय स्थित राजूषा हायर सेकंडरी स्कूल में वसंत पंचमी उत्साहपूर्वक शनिवार को मनाई गई। स्कूल के संस्थापक व प्राचार्य डा. राज बहादुर सिंह द्वारा मां सरस्वती का पूजन से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शिक्षिका पूनम राज ठाकुर, विधि तिवारी व वंदना बंशकार ने सरस्वती माता के गीतों का गायन किया। कार्यक्रम में स्कूल के छात्रों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। पूर्वी तिवारी, जाग्रति पिल्ले, अनवी नामदेव व रिदिमा ठाकुर द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। गरिमा सोनी, महक खांडे व तेजस्व नागेश्वर द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। प्राचार्य ने कहा कि हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सरस्वती मां की रहती है। किसी भी कार्य का प्रारंभ मां सरस्वती जी स्मरण से ही करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया। शिक्षिका नीतू नामदेव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए माता सरस्वती की पौराणिक कथा के बारे में बताया।
एएसआइ ने रक्तदान कर महिला की बचाई जान : शनिवार को जिला अस्पताल में भर्ती महिला अघनी बाई को ए पाजिटिव रक्त की जरूरत की जानकारी लगने पर रेडियो शाखा में पदस्थ एएसआइ नरेश सिंह द्वारा जिला अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया गया। श्री सिंह ने बताया कि वे अब तक आठ बार रक्तदान कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में भर्ती अघनी बाई कोई संतान नहीं हैं। इससे पहले शुक्रवार को जिला अस्पताल चौकी में पदस्थ एएसआई अशोक मानकर द्वारा भी संबंधित महिला को रक्तदान किया गया है।