बिना मान्यता चल रहे स्कूलों की जांच शुरू, एकलव्य स्कूल को नोटिस
शहपुरा में बिना मान्यता के संचालित निजी स्कूलों की जांच शुरू हुई। बीआरसी टीम को कई अनियमितताएं मिलीं, जिनमें एकलव्य स्कूल को जरूरी दस्तावेज न होने पर नोटिस जारी किया गया। जांच, जबलपुर कलेक्टर को मिली शिकायत के बाद शुरू हुई, और अन्य स्कूलों की भी जांच की जाएगी।
Publish Date: Sat, 19 Jul 2025 04:27:41 PM (IST)
Updated Date: Sat, 19 Jul 2025 04:27:41 PM (IST)
शहपुरा में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों की जांच शुरू।( सांकेतिक फोटो)HighLights
- शहपुरा में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों की जांच शुरू।
- एकलव्य स्कूल को दस्तावेज न मिलने पर नोटिस जारी।
- स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की भी जांच हो रही है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, शहपुरा भिटोनी। नगर में बिना मान्यता के छोटे-छोटे दुकानों में स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। शिकायत के बाद कलेक्टर के निर्देश पर शहपुरा के निजी स्कूलों(Shahpura private school) की जांच शुरू हो गई है। बीआरसी आशीष साहू के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम, जिसमें बीओ और बीआरसी के सदस्य शामिल हैं, दो दिनों से स्कूलों की मान्यताओं और भौतिक सुविधाओं की जांच कर रही है।
जांच के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं। टीम ने शुक्रवार को दो स्कूलों का निरीक्षण किया। इनमें से एक स्कूल की मान्यता पहले ही समाप्त हो चुकी थी। वहीं, दूसरे स्कूल 'एकलव्य' के पास मान्यता से जुड़े कोई भी आवश्यक दस्तावेज नहीं मिले।
टीम ने पाया कि स्कूल में बच्चों के खेलने का मैदान नहीं था, कक्षाओं में हवा और रोशनी के आने-जाने का भी कोई इंतजाम नहीं था। छोटे-छोटे कमरों में बच्चों को ठूंसकर पढ़ाया जा रहा था। स्कूल परिसर में पानी भरा था, जिससे साफ-सफाई की स्थिति भी बेहद खराब पाई गई।
मौके पर ही दिया गया नोटिस
बीआरसी आशीष साहू ने बताया कि टीम ने मौके पर ही एकलव्य स्कूल(Eklavya school notice) को नोटिस दिया है। स्कूल को मान्यता से जुड़े सभी दस्तावेज और अन्य कमियों को पूरा करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह जांच अभिभावकों की शिकायत के बाद शुरू की गई है, जिन्होंने सीधे जबलपुर कलेक्टर को शिकायत भेजी थी।
एसडीएम द्वारा गठित यह टीम अब क्षेत्र के अन्य निजी स्कूलों की भी जांच करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी स्कूल शिक्षा विभाग के मानकों का पालन कर रहे हैं और बच्चों को उचित वातावरण मिल रहा है।