
नईदुनिया प्रतिनिधि, गुना। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया में आधार को मान्य नहीं करने के निर्वाचन आयोग के रवैये पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भड़के हुए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि 2003 के बाद पहली बार वोट डालने वालों को नागरिकता प्रमाणित करनी होगी। इसके लिए जो दस्तावेज मांगे गए हैं, उनमें आधार शामिल नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे शामिल करने का आदेश दिया हुआ है। उसके बाद भी इसको शामिल नहीं किया जाना घोर आपत्तिजनक है।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इसका संज्ञान लेना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिहार में 2003 में एसआइआर कराने में दो साल लगे थे। इस बार इसे केवल एक महीने के अंदर कैसे कर लिया गया, यह समझ से परे है।
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इसके साथ ही उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में 62 लाख वोटरों के नाम काट दिए गए और 20 लाख नए मतदाता जोड़े गए। उनमें पांच लाख ऐसे मतदाता भी शामिल हैं, जिन्होंने आवेदन ही नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इससे मतदाता सूची पर शंका उत्पन्न होती है। जिले के दौरे पर आए दिग्विजय सिंह सोमवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।