नईदुनिया प्रतिनिधि , ग्वालियर। इलाहाबाद बैंक में पहले से गिरवी रखे गए चार प्लॉट को एक प्राइवेट कंपनी के लोन मैनेजर की मिलीभगत से बेचने का मामला सामने आया है। आरोपितों ने प्लॉट खरीददार से 23 लाख रुपये वसूल लिए। जब खरीदार ने जमीन पर काम शुरू करना चाहा तो बैंक अधिकारियों ने बताया कि यह जमीन पहले से ही बंधक है।
मामला खुलते ही पीड़ित ने विश्वविद्यालय थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद प्राइवेट कंपनी के मैनेजर सहित प्लाट बेचने वालों के खिलाफ षड्यंत्रपूर्वक ठगी का केस दर्ज किया है। फिलहाल सभी आरोपित फरार बताए जा रहे हैं।
वार्ड 66 के ग्राम करीगंवा निवासी मदन पाल ने नगर निगम कालोनी तिकोनिया के सुनील पाल पिता स्व. रामप्रकाश और मदन पाल पिता रामौतार पाल से 20x41 साइज के चार प्लॉट खरीदने का सौदा 23 लाख रुपये में किया। सौदे के दौरान सुनील पाल ने खरीदार की मुलाकात मैग्मा फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, सिटी सेंटर स्थित कार्यालय के मैनेजर रजनीश राठौर से करवाई। रजनीश राठौर ने कागजातों की जांच और सर्वे का हवाला देकर कुछ दिनों बाद मदन पाल को भरोसा दिलाया कि जमीन पर कोई विवाद या बंधक नहीं है और सौदा सुरक्षित है।
इसके बाद खरीदार ने 8.10 लाख रुपये नकद दिए और शेष रकम 14.90 लाख रुपये रजिस्ट्री के बाद चुका दी। ओहदपुर स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय में चारों प्लॉट की रजिस्ट्री भी कराई गई। लेकिन जब खरीदार ने वहां काम शुरू करने की कोशिश की तो सामने आया कि जमीन पहले से इलाहाबाद बैंक में गिरवी है। फर्जीवाड़े का पता चलते ही पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई।
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विश्वविद्यालय थाना प्रभारी रविन्द्र जाटव ने बताया कि आरोपियों ने पहले से बंधक जमीन का सौदा कर फरियादी से 23 लाख रुपये ऐंठ लिए। मामले की जांच कर प्राइवेट कंपनी मैनेजर और अन्य आरोपियो पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है। फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।