प्रियंक शर्मा, ग्वालियर, Agra to Gwalior Greenfield Expressway: ग्वालियर-आगरा के बीच 4613 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले एक्सेस कंट्रोल सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए अब तीन राज्यों में भू-अर्जन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। जीआर इंफ्रा कंपनी से अनुबंध होने के बाद छह महीने का समय काम शुरू करने के लिए दिया गया था।
इस बीच में कंपनी को जरूरी फाइनेंस और संसाधन जुटाने हैं, जबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को भू-अर्जन की प्रक्रिया को पूरा करने के साथ ही ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में पेड़ काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी है। फिलहाल टीटीजेड के लिए प्रक्रिया की जा रही है और भू-अर्जन का काम लगभग पूरा होने को है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुल 502.11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसमें निजी भूमि के बदले में 220 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का वितरण किया जाना है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरी गणना कर एनएचएआई से राशि ले ली है और उसमें से 14 करोड़ रुपये का मुआवजा बांट भी दिया गया है।
मध्यप्रदेश में भी ग्वालियर में सात करोड़ रुपये का मुआवजा वितरण किया गया है। बाकी भूमि स्वामियों के खातों की जानकारी भी दो दिन के अंदर एनएचएआई के पास पहुंच जाएगी। इसके बाद मुआवजा राशि भूमि स्वामियों को ट्रांसफर कर दी जाएगी। आगरा के 14, धौलपुर के 18 और मुरैना के 30 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है।
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प्रोजेक्ट में ताज ट्रेपीजियम जोन के अंतर्गत आने वाले पेड़ों को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक से अनुमति ली जाती है। एनएचएआई को निर्देश मिले थे कि पेड़ों को काटने के बदले में पहले पेड़ लगाए जाएं। ऐसे में जिला वन अधिकारी आगरा के माध्यम से ये प्रक्रिया की जा रही है।
आगरा के अधिकारियों द्वारा पौधारोपण कर एनएचएआई को जानकारी दी जाएगी। प्राथमिक स्तर पर सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जैसे ही पौधरोपण पूरा होगा, वैसे ही सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी, जिसके बाद पेड़ों को काटने की फाइनल मंजूरी भी मिल जाएगी।