
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियरः लगातार गिरते तापमान का असर अब लोगों के दिल और दिमाग पर पड़ने लगा है। अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य के कार्डियोलाजी, न्यूरोलाजी में 40 मरीज हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक व ब्रेन हेमरेज के पहुंच रहे हैं। लगातार ठंड बढ़ती जा रही सर्दी से इस तरह के मामलों में इजाफा हो रहा है।
उत्तर भारत में ठंड का दौर शुरू होने के साथ जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर दिखने लगा है। इससे न्यूनतम तापमान गिरावट दर्ज की जा रही है। इसकी वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज के मामले बढ़ने से कार्डियोलाजी में पलंग तक कम पड़ने लगे हैं। मरीजों को जमीन पर भर्ती करना पड़ रहा है। इधर न्यूरालाजी में भी पलंग कम पड़ने लगे हैं।
हार्ट अटैक के मामलों में 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। ब्रेन हेमरेज के मामले 25 फीसदी बढ़े हैं। यह आंकड़ा तो शहर के शासकीय अस्पताल का है। निजी अस्पताल के आंकड़े इसमें जोड़ दें, तो आधा सैकड़ा से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं।
दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में रुकावट आने पर हार्ट अटैक आता है। सर्दियों में दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि धमनियां सिकुड़ती हैं और रक्त गाढ़ा होता जाता है। अगर सीने, बांह, कोहनी या छाती की हड्डियों में असहजता, दबाव, भारीपन या दर्द का अहसास हो तो हार्ट की शिकायत हो सकती है। इस दौरान पीठ, जबड़े, गले और बाहों में मरीज असहज महसूस करते हैं। मितली, पेट में समस्या, बहुत ज्यादा कमजोरी, दिल की धड़कनों का तेज या अनियमित होना भी इसके लक्षण हैं।
ब्रेन हेमरेज एक ऐसी स्थिति है जो एक धमनी (हृदय से रक्त को शरीर के अन्य भागों में ले जाने वाली नलियों) के टूटने के कारण होती है। इस स्थिति में आसपास के ऊतकों में रक्तस्राव होने लगता है। इस स्थिति में रक्तस्राव होने से मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं।
साथ ही यह दिमाग के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। सरल शब्दों में मस्तिष्क में शिरा के फटने को ब्रेन हेमरेज कहा जाता है। वहीं, नस फटने के बाद खून बहने की स्थिति को हेमरेज स्ट्रोक कहते हैं।
न्यूरोलाजिस्ट व विभागाध्यक्ष न्यूरोलाजी विभाग डा. दिनेश उदेनिया ने बताया कि सर्दी बढ़ने से 15 से 20 लोगों को ब्रेन हेमरेज हो रहा है। इन मामलों में हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ज्यादा हैं। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
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जेएएच में कार्डियोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पुनीत रस्तोगी ने बताया कि ठंड में दिल की बीमारी से पीड़ित रोगियों में अटैक का खतरा अधिक होता है। नवंबर माह में अचानक केस बढ़ गए हैं। लोगों को ऐसे समय में ख्याल रखना चाहिए। फुल गर्म कपड़े पहनने चाहिए। सुबह सैर पर जाने से बचें।