ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। चाय पर चर्चा अब किसी बंद कमरे में नहीं हो रही है। इसके लिए शहरवासी ऐसे अड्डों पर पहुंच रहे हैं, जहां अलग-अलग फ्लेवर में महंगी से महंगी चाय के प्याले मिलते हैं। खासतौर पर युवा वर्ग के लिए तो अड्डे आइडिया दिमाग में लाने के नए ठिकाने बन चुके हैं। करियर संवारने पर चर्चा करते हुए वे अपनी जुबां पर लाते हैं-इस चाय वाले को ही देखो, थाड़ा सा दिमाग लगाया तो एक अच्छा स्टार्टअप ले लिया है। इस चर्चा से स्पष्ट होता है, ये चाय की चुस्कियां अब करियर ओरिएंटेंड बन चुकी हैं। युवा करियर को मजबूती देने के लिए कई आइडिया इन अड्डों से उठाकर अपने घर ले जा रहे हैं और उन पर काम भी कर रहे हैं। गौर किया जाए तो कई स्थानों पर तो ऐसे स्टाल खुल चुके हैं, जिनकी फ्रेंचाइजी किसी और दूसरी शहर से पैसा देकर यहां लाई गई हैं। इन स्टाल को कोई आैर नहीं शहर के पढ़े-लिखे युवा ही चला रहे हैं।

कोई एमबीए तो कोई बीएड, चाय सुट्टा भी बना ठिकाना

- शहर में एमबीए चाय वाले से लेकर मुंबई की राजवाड़ी की फ्रंचाइजी है। चाय सुट्टा, बीएड चाय वाला जैसे नामों से चाय की दुकानें संचालित हो रहीं हैं। फूलबाग क्षेत्र की चाय की गुमटियों पर सुबह से लेकर रात तक युवाओं की भीड़ नजर आती है। इन चाय के ठिकानों पर युवतियां भी भीड़ जुटाए खड़ी रहती हैं।

कैलाश नगर स्थित एमबीए चाय वाला की फ्रेंचाइजी कुछ दिन ही शुरू हुई थी। यहां पर चाय रेग्यूलर चाय, मसाला चाय, इलायची चाय, चाकलेट चाय, तुलसी चाय के साथ अन्य फ्लेवर में चाय उपलब्ध है। इनका स्वाद लेने के लिए सुबह से देर शाम तक यहां युवाओं की खासी भीड़ रहती है। अन्य जगहों पर भी युवाओं के चाय की कई वैरायटी देकर समय बिताने का मौका दिया दिया जाता है।

पिज्जा-बर्गर से मन भर चुका है

सुबह से शाम तक जितनी भीड़ चाय के अलग-अलग स्टाल पर रहती है, उतनी भीड़ पिज्जा-बर्गर वाले के यहां भी नहीं होती है। लगता है मानो पिज्जा-बर्गर से युवाओं का मन भर चुका है। सिटी सेंटर क्षेत्र में ही आधा दर्जन के लगभग चाय के स्टाल खुले हैं। इनमें अधिकतर फ्रेंचाइजी ही हैं, क्योंकि पब्लिक सक्सेस नाम को ही फालो करना चाहती है।

पचास से अधिक फ्लेवर की चाय

पहले चाय का मतलब दूध और चाय की पत्ती का मिश्रित रूप ही था। टेस्ट के लिए अदरक व इलायची का उपयोग होता था। अब फ्लेवर वाली चाय की जमाना है। गोविंदपुरी चौराहे के पास राजवाड़ी चाय का स्टाल चलाने वाले साफ्टवेयर इंजीनियार जितेंद्र परमार ने बताया कि उन्होंने मुंबई की रजवाड़ी चाय की फ्रेंचाइजी ली है। अब पढ़ा- लिखा नौजवान चाय के होटलों के बदले स्वरूप में चलाने में कोई गुरेज नहीं कर रहा है। सोच में पूरी तरह से परिवर्तन आ चुका है। उनके यहां रजवाड़ी चाय के अलावा, मसाला चाय, अदरक चाय, स्पेशल इलायची चाय, लांग वाली चाय. स्पायसी चाय, गुड़ वाली चाय, उकाला ( दूध में ड्राइ फ्रूट मसाला) ब्लैक टी, लेमन- जिंजर टी, ग्रीन टी, केशर उकाला मिलती है।

Posted By: anil tomar

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