
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर पुलिस की साइबर ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर धोखाधड़ी में उपयोग करने लिए म्यूल खाते खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह में शामिल मध्य प्रदेश शासन की हितग्राही योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कराने वाले ग्वालियर में संचालित एक कियोस्क- एमपी ऑनलाइन के संचालक सहित सात आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।
गिरोह द्वारा धोखाधड़ी से एकत्र राशि क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से विदेश भेजी जाती थी। इन गिरोह का नेटवर्क नाइजीरिया और चीन तक पाया गया है। ग्वालियर शहर में नया बाजार स्थित बाबा महाकाल कियोस्क के संचालक द्वारा म्यूल बैंक खाते खोले जाते थे। आरोपितों से 84 एटीएम कार्ड और नौ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि मंगलवार रात बाबा महाकाल कियोस्क के संचालक नरेंद्र सिकरवार के यहां दबिश दी गई।
इस कियोस्क द्वारा खोले गए बैंक खातों का रिकॉर्ड चेक किया तो पाया गया कि उनमें से ज्यादातर बैंक खाते बाहरी राज्यों से किसी न किसी साइबर धोखाधड़ी में जुड़े हैं। संचालक से फ्रॉड कार्य के लिए भविष्य में उपयोग किए जाने वाले फिनो बैंक के एटीएम कार्ड की किट भी बरामद की गई। इसके बाद जांच के आधार पर छह अन्य लोगों- शिवपुरी जिले के कैखोड़ निवासी सोनू जाटव, बृजेश रजक, अजय परिहार, नकुल परिहार, नीकेश साहू और परमार सिंह पाल को गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में पता लगा कि इनमें से सोनू जाटव ग्वालियर में म्यूल खाते खरीदने और बेचने का मास्टरमाइंड है। वह ग्वालियर में खुलवाए जाने वाले बैंक खाते खरीदता था। सोनू को हिरासत में लिया गया, तो उसने बैंक खाते खरीदने और राजस्थान के उदयपुर में अपने साथी को बेचने की बात स्वीकार की। साइबर धोखाधड़ी की राशि को यूएसडीटी में बदलकर करके विदेशों में भेज जाता है। पकड़े गए लोगों के मोबाइल की चैट में नाइजीरिया और चीन समेत अन्य देशों में बातचीत पाई गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कितनी राशि अभी तक क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से विदेश भेजी गई है। इसकी जांच की जा रही है।
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