
Gwalior footpath News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में ऐसी एक भी सड़क या बाजार नहीं हैं, जहां फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा ना हो। शहरवासियों के लिए पैदल चलने को फुटपाथ बनाए गए थे, लेकिन ठेलों, गुमठियों और फल-सब्जी विक्रेताओं सहित दुकानदारों ने अपना सामान रखने के लिए घेर लिया है। कहीं-कहीं तो रेस्टोरेंट संचालकों ने ग्राहकों को खाना खिलाने के लिए फुटपाथ पर स्थाई अतिक्रमण तक कर लिया है। सुगम यातायात और स्वच्छता की दुहाई देने वाले अफसरों को फुटपाथ पर पसरा यह अतिक्रमण नजर नहीं आता। अफसरों की अनदेखी इशारा करती है कि यह अतिक्रमण छोटे-बड़े लालच की साठगांठ का परिणाम है।
शहर की मुख्य सड़कों और बाजारों के फुटपाथों पर अतिक्रमण बड़ी समस्या बन चुकी है। इसका समाधान खोजने में जिला प्रशासन, यातायात पुलिस से लेकर नगम निगम तक के अधिकारी-कर्मचारी नाकाम साबित हो चुके हैं। इसका खामियाजा यहां से गुजरने वाले राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। चौड़ी सड़कों पर भी फुटपाथ पर सजी दुकानें और सड़कों पर रखे सामान के कारण वह संकरी गली सी नजर आती हैं। इन सड़कों से जाम में फंसकर वाहन चालक गुजरने को मजबूर हो रहे हैं।
अचलेश्वर मंदिर चौराहे से सनातन धर्म मंदिर चौराहे तक आधा किलोमीटर यह सड़क 60 फीट चौड़ी है। पर सड़क के दोनों तरफ बने फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण सिर्फ 20 फीट जगह ही पैदल राहगीरों और वाहन चालकों के लिए बचती है। यहां सुबह सब्जी मंडी जैसा नजारा होता है। सुबह नौ बजे तक 20 से 25 सब्जी वाले फुटपाथ पर ठेले या फड़ लगाकर सब्जी बेचते हैं। इसके बाद इस आधा किलोमीटर सड़क में 18 फल के ठेले, 8 सब्जी के ठेले, 5 फूल विक्रेता, 6 चाय गुमटी, 3 जूस के ठेले, 2 गन्ने के रस की दुकान और नौ गुटखा-सिगरेट बेचने वालों का फुटपाथ पर कब्जा रहता है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन टायर की दुकानों के टायर फुटपाथ पर रखे रहते हैं। साथ ही दिन भर सैकड़ों वाहन भी फुटपाथ पर खड़े होते हैं। शाम होते ही चैंबर आफ कामर्स के सामने खानपान की दुकानों के संचालक फुटपाथ पर कब्जा कर लेते हैं, जो देर रात तक रहता है। इस कारण यहां लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है।
अचलेश्वर रोड के फुटपाथों पर दुकानें लगने के कारण सड़क पर जरा सी जगह बचती है। इस कारण यहां से गाड़ी लेकर गुजरना मुश्किल हो जाता है। इस मार्ग से निकलने वाले राहगीरों को तो अब बाबा अचलनाथ से ही आस है।
सुनील उपाध्याय
अचलेश्वर मार्ग पर अतिक्रमण के कारण दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। सबसे ज्यादा परेशानी शाम को होती है, जब चैंबर आफ कामर्स के सामने खानपान की दुकानों के कारण आधी सड़क घिर जाती है, जिससे जाम लगता है।
आरिफ खान
प्र: अचलेश्वर मंदिर से लेकर सनातन धर्म मंदिर तक फुटपाथ पर अवैध दुकानें कैसे लग रही हैं?
जवाब: आपने जो समस्या बताई है, उस बारे में मुझे नहीं मालूम। मैं चेक करवा लेता हूं।
इस मार्ग पर रोज जाम लगता है, आपको पता नहीं?
जवाब: हम प्रतिदिन शहर में कार्रवाई करते हैं, अभी महाराज बाड़े पर हमारा फोकस है।
मदाखलत अमले पर अवैध वसूली के आरोप लगते हैं?
जवाब: यह गलत है, हम अवैध दुकान लगाने वालों का सामान जब्त करते हैं। इसके बाद उन पर जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन लोग जुर्माना भरकर फिर से दुकानें लगा लेते हैं। इस क्रम को रोकने के लिए कोई सख्त कानून नहीं है।
केशव चौहान, नोडल अधिकारी, मदाखलत, ननि