
ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि)। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर अप्रैल के बाद ट्रेनों की गति बढ़ने के साथ ही उन्हें अन्य प्रीमियम ट्रेनों के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। इसका कारण है कि अप्रैल में झांसी से बीना के बीच तीसरी लाइन का काम पूरा हो जाएगा।
इसके बाद मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में बने नए कंट्रोल रूम से तीसरी लाइन पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। बीना से धौलपुर तक 316 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है, जो अब अंतिम चरण में है।
इस रेल खंड में अब सिर्फ 37 किलोमीटर का काम शेष है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इस रेल लाइन के पूरा होने के बाद झांसी मंडल में ट्रेनों की स्पीड के साथ ही उनके समय में भी सुधार होगा। बीना से धौलपुर तक 4869 करोड़ रुपए की लागत से 316 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है, जो अब अंतिम चरण में है। इस रेल लाइन के पूरा होने के बाद झांसी मंडल में एक ही लाइन पर पड़ने वाला ट्रेनों के ट्रैफिक का दबाव भी कम हो सकेगा।
झांसी मंडल ने इस कार्य की रफ्तार बढ़ाते हुए अब दतिया से डबरा के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रैक का काम भी पूरा कर लिया है। इसके बाद पूरे प्रोजेक्ट में झांसी मंडल के पास अब 37 किलोमीटर के दो छोटे-छोटे रेल खंड ही बचेंगे, जिनका काम भी तेजी से किया जा रहा है। इनमें आंतरी से ग्वालियर के बीच 24 किमी और हेतमपुर से धौलपुर तक 13 किमी का ट्रैक तीसरी लाइन के लिए रह गया है।
बीना से धौलपुर तीसरी लाइन परियोजना के अंतर्गत गत शुक्रवार को दतिया-डबरा के बीच 31 किमी नव निर्मित रेल खंड पर ट्रेन दौड़ाकर ट्रायल किया गया। इस रेल खंड का काम भी पिछले कई दिनों से चल रहा था। रेलवे के पूर्वोत्तर परिक्षेत्र के मुख्य संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलवाकर स्पीड ट्रायल किया था।
इस दौरान सभी कुछ सही पाया गया। हालांकि सीआरएस जल्द ही इसकी रिपोर्ट सौंपेंगे, जिसके बाद इस रेल खंड की तीसरी लाइन को भी ट्रेनों के लिए खोल दिया जाएगा। रेलवे का प्रयास है कि तीसरी लाइन का अधिकतम उपयोग मालगाड़ियों के लिए किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर सवारी गाड़ियां भी इस पर संचालित हो सकें।