नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। EOW के हवलदार राजवीर सिंह भदौरिया की 80 वर्षीय मां शांति देवी पर जानलेवा हमला कर पीतल के गहने लूटने की धारा में पुलिस की बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। पुलिस ने इस मामले में जबरन वसूली की धारा में एफआइआर दर्ज की। जबकि यह स्पष्ट लूट का मामला था। जब पुलिस की किरकिरी हुई तो गुरुवार को इस मामले में धारा बढ़ाने के निर्देश वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुलिस को दिए। जानकारों का कहना है- भले ही लूटे गए कड़े पीतल के थे, लेकिन जिस तरह से वारदात की गई, वह स्पष्ट लूट है। इस घटना में तो बाकायदा गुंडों ने सिर पर ईंट व पत्थर से वार भी किया। जिसके चलते वृद्धा अस्पताल में भर्ती भी है।
शांति देवी बुधवार को आम-खो पहाड़ी स्थित भूरी माता मंदिर में दर्शन के लिए जा रही थीं। इसी दौरान यह घटना हुई। चार बदमाशों ने घेरकर उनके साथ मारपीट की और हाथ में पहने हुए पीतल के कड़े सोने के समझकर लूट ले गए। बदमाशों ने इतनी बर्बरता की कि जब वृद्धा ने हाथ की मुठ्ठी बंद कर ली तो इन्होंने कड़े खींचे। जिससे हाथ में भी चोट लगी है। वृद्धा अब भी अस्पताल में भर्ती है। लेकिन इस मामले में पुलिस ने संगीन वारदात होने के बाद भी कमजोर धारा में एफआइआर दर्ज की।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 308-2 में पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। यह धारा भय दिखाकर जबरन वसूली के मामले में लगाई जाती है। अब जब पुलिस की किरकिरी हुई तो वृद्धा के कथनों की आड़ लेकर बचने का प्रयास किया गया। लेकिन शाम को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने लूट की धारा बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके बाद इस मामले में धारा बढ़ाई गई है।
इसी तरह से घाटीगांव में कारोबारी पर गोली चलाकर लूट की घटना हुई थी। इसमें भी पुलिस ने धाराओं का खेल खेला था। इस मामले में पुलिस ने लूट की जगह उद्यपन की धारा में एफआइआर की थी। इस घटना में भी पुलिस की किरकिरी हुई थी।
इस मामले में आरोपित अब तक बेसुराग हैं। पुलिस पूरे रूट पर लगे कैमरे देख रही है। घटना के 36 घंटे बाद भी आरोपित चिन्हित नहीं हो सके।
हवलदार की मां से लूट के मामले में जो प्रारंभिक कथन थे, उसके आधार पर एफआइआर की थी। अब लूट की धारा बढ़ा दी गई है। आरोपितों की तलाश चल रही है। जल्द ही आरोपित पकड़े जाएंगे। - अमर सिंह सिकरवार, थाना प्रभारी, कंपू
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