नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मंदिर से लौट रही 70 वर्षीय वृद्धा लक्ष्मी अग्रवाल के साथ जनकगंज क्षेत्र में ठगी हो गई। करीब 12 वर्षीय किशोर और 25 साल के युवक ने उन्हें बातों में उलझाया। किशोर ने रास्ता पूछा, तभी यहां युवक आया, उसने थैले में रुपये होने की बात कही। वृद्धा से गहने उतारकर बैग में रखने की बात कही। वृद्धा को कंकड़-पत्थर से भरा रूमाल थमा दिया। जब वृद्धा ने दोनों के जाने के बाद रूमाल खोला तो उसमें पत्थर निकले।
यह घटना रविवार की है। 24 घंटे बाद जनकगंज थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। शातिर ठग सीसीटीवी कैमरे में भी नजर आए हैं। पुलिस कैमरों के फुटेज के आधार पर ही इनकी पहचान के प्रयास में लगी है। फिलहाल ठग पकड़े नहीं जा सके हैं।
वृद्धा लक्ष्मी अग्रवाल ने बताया कि मैं रोज अपने घर से सुबह 9:30 से 10 बजे के बीच रतन कालोनी क्षेत्र में ही मंदिर के दर्शन के लिए निकलती हूं। रविवार को सुबह करीब 10 बजे मंदिर दर्शन के लिए गई थी। मंदिर के पास ही खड़ी थी, तभी मेरे पास एक किशोर आया, जिसकी उम्र लगभग 12 वर्ष होगी। उसके हाथ में सफेद रंग का थैला था। उसने मुझसे कहा कि उसे धौलपुर जाना है, मैंने उससे कहा कि बस स्टैंड जाएं, तभी वह रोने लगा। कुछ देर बाद एक युवक आया, जिसकी उम्र करीब 25 वर्ष होगी। उस युवक ने मुझसे कहा कि उस किशोर के बैग में रुपये हैं। इस तरह से उसने मुझसे बात शुरू कर दी। थैला खोलकर दिखाया तो उसमें नोट की गड्डियां थीं, ऊपर 500 रुपये का नोट लगा था। फिर बोला कि यह रुपये खो जाएंगे।
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पीड़िता ने बताया कि इस तरह वह मुझे मंदिर से करीब आधा किलोमीटर तक आगे गली में ले गया। यहां वह मुझसे कहने लगा कि गहने उतारकर रूमाल में रख लो और रुपये का बैग इससे ले लो। उसने किशोर को मेरे पास बुलाया, मैं झांसे में आ गई। उसने ही मुझे रूमाल दिया। मेरे गहने उतरवाए और इसके बाद कान के टॉप्स, चेन, अंगूठियां रूमाल में रखवा लीं। फिर मुझे ही थैला थमा दिया। यह दोनों चले गए। मुझे आटो में बैठा दिया। मैंने थैला खोलकर देखा तो उसमें जो गड्डियां थीं, उनमें ऊपर नोट था, अंदर कागज की कतरन थी। रूमाल में मेरे गहने नहीं, बल्कि कंकड़-पत्थर रखे थे। फिर घर पहुंची और बेटे को पूरी घटना बताई।