नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सिंधिया राजघराने से जुड़े सरदार आंग्रे की पौत्री कात्यायनी आंग्रे और इंदौर राजघराने से संबंध रखने वाले अर्जुन काक के बीच सात साल से चला आ रहा विवाह विवाद समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से तलाक को मंजूरी दे दी। सुनवाई के दौरान अदालत ने आदेश दिया कि अर्जुन काक 30 नवंबर 2025 तक कात्यायनी को 2.25 करोड़ रुपये देंगे।
इसमें से एक करोड़ रुपये का ड्राफ्ट 25 अगस्त को ही सौंपा जा चुका है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अर्जुन, आंग्रे परिवार से मिले सभी उपहार लौटाएंगे, जबकि अर्जुन की ओर से दिए गए उपहार कात्यायनी अपने पास रखेंगी। इसके बाद दोनों के बीच किसी भी तरह का संबंध शेष नहीं रहेगा। कात्यायनी आंग्रे, सरदार आंग्रे के पुत्र तुलाजीराव आंग्रे की पुत्री हैं। उनकी शादी 18 अप्रैल 2018 को ऋषिकेश (उत्तराखंड) में इंदौर निवासी अर्जुन काक से हुई थी। अर्जुन के पिता अनिल काक सेवानिवृत्त कर्नल और मां मंगेश काक इंदौर राजघराने से जुड़ी हैं।
वर्ष 2019 में विवाद तब शुरू हुआ जब अर्जुन ने ग्वालियर नगर निगम द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र को फर्जी बताते हुए ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना में शिकायत दर्ज कराई। अर्जुन की शिकायत के लगभग दो साल बाद, मार्च 2021 में कात्यायनी ने महिला थाने में दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप था कि पति और ससुराल पक्ष रोल्स रॉयस कार और मुंबई स्थित फ्लैट की मांग कर रहे थे।
इस केस को अर्जुन की ओर से पहले दर्ज कराई गई एफआइआर का जवाबी कदम माना गया। अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने दोनों को मध्यस्थता का अवसर दिया था लेकिन वह विफल रहा। उस दौरान अर्जुन हर महीने 1.5 लाख रुपये भरण-पोषण देने पर सहमत था, मगर पत्नी ने स्थायी निपटान में 36 करोड़ रुपये और संपत्ति में हिस्सा मांगा। नतीजतन समझौते की कोशिश टूट गई और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
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