MP Crime: घसीटते हुए झाड़ियों में ले गए बदमाश, सिर-मुंह पर ईंट से किया वार...हवलदार की 80 वर्षीय मां से दिनदहाड़े लूटपाट
MP Crime: ग्वालियर के कंपू क्षेत्र में मंदिर जा रही 80 वर्षीय शांति देवी को चार बदमाशों ने दिनदहाड़े घेर लिया। पीतल के कड़ों को सोने का समझकर उन्होंने वृद्धा से लूटपाट की। विरोध करने पर बदमाशों ने उन्हें झाड़ियों में घसीटकर सिर और मुंह पर पत्थर से वार किया, और कड़े छीन लिए। वृद्धा घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं।
Publish Date: Wed, 01 Oct 2025 07:16:14 PM (IST)
Updated Date: Wed, 01 Oct 2025 07:17:27 PM (IST)
ग्वालियर में हवलदार की 80 वर्षीय मां को लूटा (प्रतीकात्मक फोटो)HighLights
- 80 वर्षीय वृद्धा को पत्थर मारकर दिनदहाड़े लूटा।
- ईओडब्ल्यू हवलदार की मां से पीतल के कड़े लूटे।
- कंपू क्षेत्र में बदमाशों ने की लूट की वारदात।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: कंपू क्षेत्र में आम-खो पहाड़ी से फायरिंग रेंज की ओर जाने वाले रास्ते पर दिनदहाड़े EOW में पदस्थ हवलदार राजवीर सिंह भदौरिया की 80 वर्षीय मां शांति देवी पत्नी स्वर्गीय मकरंद भदौरिया के साथ चार बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। वृद्धा घर से मंदिर जा रही थी, इसी दौरान यह वारदात हुई। वृद्धा ने हाथ में पीतल के कड़े पहने हुए थे, जिन्हें बदमाशों ने सोने का समझा और वृद्धा को रास्ते में घेर लिया। पहले तो वृद्धा से कड़े उतारकर देने के लिए कहा, लेकिन वह बगैर डरे ही बदमाशों से उलझ गई।
सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल
इस पर बदमाश उन्हें घसीटते हुए झाड़ियों में ले गए, फिर सिर व मुंह पर ईंट, पत्थर से हमला कर दिया। इसके बाद हाथ से कड़े खींच ले गए। जमीन पर गिरने के बाद भी वृद्धा का हौसला नहीं टूटा, भले ही कड़े पीतल के थे लेकिन उन्होंने मुट्ठी बांध ली। जब कड़े बदमाशों ने खींचे तो उनके हाथ में भी चोट लगी है। इस घटना ने ग्वालियर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। घटना के बाद जब पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस सक्रिय हुई। नाकाबंदी की गई, लेकिन खबर लिखे जाने तक बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
फिलहाल वृद्धा अस्पताल में भर्ती है। पुलिस पूरे रूट पर लगे CCTV कैमरों को खंगाल रही है, क्योंकि जहां यह घटना हुई। वहां कैमरा नहीं लगा है। पीड़िता शांति देवी ने बताया कि मैं रोज पैदल आम-खो पहाड़ी पर स्थित भूरी माता मंदिर के दर्शन के लिए जाती हूं। बीच में रास्ता थोड़ा सुनसान पड़ता है। यहां झाड़ियां भी हैं। नवरात्र का आखिरी दिन था, कन्या पूजन से पहले मैं मंदिर जा रही थी। मेरे पति SAF में थे। बेटा अभी EOW में हैं। मंदिर जाने के दौरान तीन-चार बदमाश पहले से खड़े मिले। मैंने हाथ में पीतल के कड़े पहने हुए हैं। मैं जैसे ही इनके पास पहुंची तो घेर लिया। फिर कड़े उतारने के लिए धमकाने लगे। मैं आगे बढ़ी तो हाथ पकड़ने लगे, तभी मैंने विरोध किया।
इसके बाद मुझे झाड़ियों में खींच ले गए। इन लोगों ने सिर में ईंट और पत्थर मारा। इससे खून निकलने लगा, मैं घबरा गई। खून निकलने की वजह से आंख के सामने अंधेरा छाने लगा। फिर कड़े खींचे, जिससे हाथ में बदमाशों के नाखून लग गए। इससे भी खून आने लगा। कुछ देर तो मैं अचेत रही। फिर मैं धीरे-धीरे सड़क तक चलकर आई। एक बाइक सवार मिला, जो मुझे जानता था। तब उसने स्वजन को बताया। इसके बाद अस्पताल लाए। यह बदमाश जान से भी मार सकते थे। बार-बार कह रहे थे- अगर चूड़ी नहीं दे तो गला दबा दो। मैंने कहा भी था कि यह सोने के नहीं है। फिर भी नहीं माने।