पढ़ाई के समय ओबीसी बन छात्रवृत्ति हासिल कर ली, नौकरी के लिए बन गए आदिवासी, MP में 25 अधिकारी-कर्मचारी चिह्नित
MP News: मध्य प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र (Fake caste certificate) पर नौकरी हासिल करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने घोटाले पर घोटाला किया। यह ओबीसी (Other Backward Class) वर्ग से आते हैं। पढ़ाई कर रहे थे तो ओबीसी को मिलने वाली छात्रवृत्ति हासिल कर ली। इससे पढ़ाई करते रहे। जब नौकरी की बारी आई तो आदिवासी बन गए।
Publish Date: Sun, 07 Dec 2025 02:26:06 PM (IST)
Updated Date: Sun, 07 Dec 2025 02:28:10 PM (IST)
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर नौकरी हासिल करने वालों की हुई पहचान।HighLights
- आदिवासियों के हक पर डाका मारा
- पढ़ाई के समय खुद को ओबीसी बताया था
- ऐसे 25 अधिकारी, कर्मचारी चिह्नित हो चुके हैं
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। फर्जी जाति प्रमाण-पत्र (Fake caste certificate) पर नौकरी हासिल करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने घोटाले पर घोटाला किया। यह ओबीसी (Other Backward Class) वर्ग से आते हैं। पढ़ाई कर रहे थे तो ओबीसी को मिलने वाली छात्रवृत्ति हासिल कर ली। इससे पढ़ाई करते रहे। जब नौकरी की बारी आई तो आदिवासी बन गए।
आदिवासियों के हक पर डाका मारा
अनुसूचित जनजाति के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर नौकरी हासिल कर आदिवासियों के हक पर डाका मारा। जो नौकरियां आदिवासी वर्ग के नागरिकों को मिलनी थीं, उन्हें फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के जरिये इन लोगों ने हासिल कर लिया। ऐसे 25 अधिकारी, कर्मचारी चिह्नित हो चुके हैं। जिन पर एसटीएफ द्वारा एफआइआर की गई है।
पढ़ाई के समय खुद को ओबीसी बताया था
ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों की जब पड़ताल की गई तो सामने आया कि पढ़ाई के समय इन्होंने खुद को ओबीसी ही बताया था। जाति प्रमाण-पत्र में भी ओबीसी ही लिखा है। इस आधार पर छात्रवृत्ति हासिल की। 25 अधिकारी-कर्मचारियों के अलावा आठ ऐसे और लोग एसटीएफ के रडार पर हैं, जिन्होंने सत्यापन में इनका साथ दिया। अब इनके नाम एफआइआर में शामिल किए जाएंगे।
फर्जीवाड़ा करने वाले यह अधिकारी, कर्मचारी और इनके विभाग
- डॉ. दिनेश माझी, जीआरएमसी ग्वालियर।
- डॉ. सीमा बाथम, जीआरएमसी ग्वालियर।
- डॉ. रजनीश माझी, जीआरएमसी ग्वालियर।
- डॉ. विनोद बाथम, जीआरएमसी ग्वालियर।
- डॉ. रेखा बाथम, आयुर्वेदिक कॉलेज आम खो।
- डॉ. महेंद्र बाथम, फार्मासिस्ट जिला शिवपुरी।
- शिक्षक जवाहर सिंह केवट।
- शिक्षक सीताराम केवट।
- शिक्षक सरला माझी।
- शिक्षक कुसुम मांझी।
- शिक्षक राजेश केवट।
- शिक्षक बाबूलाल रावत।
- शिक्षक सुनीता रावत।
- आरक्षक हेमंत बाथम, साइबर सेल ग्वालियर।
- गीतिका बाथम, एसआइ पुलिस मुख्यालय भोपाल।
- लोकेंद्र बाथम, 25वीं बटालियन, भोपाल।
- आरक्षक महेश बाथम, शिवपुरी।
- आरक्षक नाहर सिंह, शिवपुरी।
- सूबेदार अनिल बाथम, यातायात पुलिस, श्योपुर।
- भागीरथी माझी, स्टेनो, गुना।
- अनुपम मांझी, स्टेनो, गुना।
- देवीलाल ढीमर, स्टेनो, राजगढ़।
- शिक्षक दशरथ रावत, गुना।
- मनीष गौतम, महाप्रबंधक बिजली कंपनी, जिला बैतूल।
- हाकिम बाथम, जेई, बिजली कंपनी, होशंगाबाद।
- यश कुमार सिंह, संयुक्त संचालक उद्यान विभाग, दमोह।
- सालों से कर रहे नौकरी
यह लोग सालों से सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे हैं। इन पर एफआइआर भी हो गई, लेकिन अब तक विभाग द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से लेकर सत्यापन कराने वाला नेटवर्क इस घोटाले में शामिल है।
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डीएड की फर्जी अंकसूची लगाकर नौकरी हासिल करने वाले 16 नाम और बढ़े
इधर.... एसटीएफ द्वारा डीएड की फर्जी अंकसूची पर नौकरी हासिल करने वालों पर एफआइआर दर्ज की थी। एफआइआर में आठ नामजद थे। बाकी सभी अज्ञात में थे। इसमें 16 शिक्षकों को और नामजद कर लिया गया है।
जिन लोगों ने खुद को आदिवासी बताकर नौकरी हासिल की। इन्होंने पढ़ाई के समय खुद को ओबीसी बताया था। ओबीसी का जातिप्रमाण पत्र बना और छात्रवृत्ति भी हासिल की। इसमें उन लोगों के भी नाम बढ़ाए जा रहे हैं, जो सत्यापन में शामिल हैं।
-राजेश सिंह भदौरिया एसपी, एसटीएफ।