
बलराम सोनी, ग्वालियर। MP Lok Sabha Election Result: ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस ने भाजपा से जमकर मुकाबला किया है। अंचल की ग्वालियर, भिंड-दतिया और मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर भले ही भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है लेकिन कांग्रेस ने अपनी हार का अंतर कम कर लिया है। 2019 के चुनाव में तीनों सीटों से भाजपा के उम्मीदवार सवा लाख से डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीते थे। इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की जीत 50 से 70 हजार के बीच रह गई है। इसकी एक बड़ी वजह पिछले पांच सालों में अंचल में कांग्रेस मजबूत होना माना जा रहा है। दो साल पहले हुए नगरीय निकाय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और मुरैना महापौर की सीट जीती थी तो पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में तीनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस का मुकाबला बराबरी पर छूटा है।
कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि इस चुनाव में पार्टी ने चंबल की तीनों सीटों पर फोकस किया और राहुल और प्रियंका गांधी ने इन्ही सीटों पर रैली और आमसभाएं की। यह बात अलग है कि कांग्रेस इनमें से कोई सीट नहीं जीत सकी। लोकसभा चुनाव की बिगुल बजते ही भाजपा ने अंचल की तीनों सीटों पर अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए थे। कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की सूची घोषित करने में देर लगाई। ग्वालियर लोकसभा सीट पर तो कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण पाठक को एक माह से कम समय मिला। इसके बावजूद उन्होंने भाजपा के भारत सिंह कुशवाह की जीत को 70 हजार से आगे बढ़ने नहीं दिया। जबकि पिछले चुनाव में भाजपा के विवेक शेजवलकर ने यही सीट एक लाख 47 हजार वोटों से जीती थी।
मुरैना-श्योपुर लोस सीट पर भी कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा काफी देर से की गई। पार्टी ने जब भाजपा से कांग्रेस में आए सत्यपाल सिंह सिकरवार नीटू को उम्मीदवार बनाया तो उनके पास महज 25 दिन की प्रचार के लिए मिले। चुनाव प्रचार के दौरान विजयपुर विधायक राम निवास रावत और मुरैना महापौर के भाजपा में जाने के बावजूद नीटू सिकरवार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद सिंह तोमर की गृहनगर मानी जाने वाली सीट पर भाजपा के प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर को महज 52 हजार की बढ़त लेने दी। 2019 के चुनाव में भाजपा से नरेंद्र सिंह तोमर ने यह सीट एक लाख 15 हजार वोटों से जीती थी।
भिंड से संध्या राय अजा वर्ग के लिए सुरक्षित भिंड-दतिया सीट पर वर्तमान सांसद संध्या राय पर भाजपा ने भरोसा जताया और इस चुनाव में उन्हें फिर मौका दिया। संध्या राय अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाईं। 2019 के चुनाव में संध्या राय ने कांग्रेस के देवाशीष जरारिया को एक लाख 99 हजार वोटों से हराया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने देवाशीष जरारिया का टिकट काटकर संध्या के सामने मंझे हुए दलित नेता फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा। बरैया ने भाजपा से जमकर मुकाबला किया और संध्या की जीत को महज 63 हजार पर ही रोक दिया।