नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। चंबल नदी को देश की सबसे स्वच्छ व प्रदूषण रहित नदियों में से एक माना जाता है। वर्तमान परिस्थितियों में चंबल नदी का पानी भी प्रदूषण का शिकार होने लगा है। मध्यप्रदेश में चंबल नदी 316 किमी में होकर गुजरती है। ऐसे में नदी कहीं-कहीं शहरों के किनारों पर नदी का पानी प्रदूषित भी होता है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी चंबल नदी सहित प्रदेश की अन्य नदियों के प्रदूषण पर नजर रखता है और समय-समय पर पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच करता रहता है।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल (MPPCB) ने अभी हाल ही में 2023-24 की रिपोर्ट पेश की है। जिसमें उसने चंबल के पानी के अलग-अलग 16 जगहों से सैंपल लिए हैं। इनमें से 10 जगहों पर गुणवत्ता का स्तर ए स्तर का यानि अच्छा था। एक जगह पर गुणवत्ता का स्तर बी यानि नहाने योग्य व दो जगहों का स्तर सी यानि उपचार के बाद पीने योग्य और तीन स्थानों का स्तर डी यानि केवल मछली पालन या दूसरे कामों में उपयोग हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल की तुलना में चंबल के पानी की गुणवत्ता स्तर में सुधार हुआ है। इसके अलावा रिपोर्ट में ग्वालियर के 1275 वाहनों की जांच की गई और प्रदूषण का स्तर नियंत्रित पाया गया।
ए श्रेणी का पानी है, यानी वह पीने योग्य है (सिर्फ क्लोरीनेशन/डिसइन्फेक्शन के बाद)।
बी श्रेणी में है (नहाने योग्य)।
सी श्रेणी में हैं (उपचार के बाद पीने योग्य)।
डी श्रेणी में हैं (केवल मत्स्य पालन और वन्यजीवों के लिए उपयुक्त)।
स्थान - गुणवत्ता का स्तर
जानापाव उद्गम स्थल - ए
बिल्लोद घाट - बी
तमालपुर इंदौर - ए
पिपलौदा डेम उज्जैन - ए
बिरलाग्राम नागदा - ए
एक किमी डाउन स्ट्रीम जूना नागदा - डी
तीन किमी डाउन स्ट्रीम गीदघर उज्जैन - डी
नौ किमी डाउन स्ट्रीम इटलावदा उज्जैन - डी
राजगढ़ उज्जैन - सी
ताल रोडब्रिज के पास उज्जैन - सी
गांधी सागर डेम नीमच - ए
अंतरराज्यीय सीमा नीमच - ए
पाली ब्रिज के पास श्योपुर - ए
उसेदघाट के पास मुरैना - ए
इटावा रोड ब्रिज के पास फूफ भिंड - ए
धौलपुर रोडब्रिज मुरैना - ए
चंबल नदी उज्जैन जिले से होकर निकली है। इस सीमा में सबसे अधिक पानी की गुणवत्ता खराब है यानि प्रदूषित है। यहां पर नगदा इंडस्ट्रीयल एरिया का पानी मिलता है। ऐसे में यहां की गुणवत्ता ठीक नहीं है। उज्जैन जिले की सीमा में नदी के पानी के सर्वाधिक पांच जगहों से सैंपल लिए गए। जिनमें तीन जगहों के सैंपल डी स्तर के व दो सी स्तर के निकले हैं।
नियंत्रित प्रदूषण बोर्ड ने ग्वालियर में अपने टारगेट 1200 की जगह 1275 वाहनों के प्रदूषण की जांच सर्वे के लिए किया। इस दौरान सभी वाहनों में प्रदूषण का स्तर नियंत्रित पाया गया।
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इस पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ग्वालियर क्षेत्रीय अधिकारी आरएस सेंगर ने कहा कि श्योपुर, भिंड व मुरैना क्षेत्र के जिन प्वाईंट्स से सैंपल लिया गया, वहां चंबल के पानी की गुणवत्ता अच्छी है। लेकिन नदी प्रदेश में 316 किमी से निकली है। ऐसे में कई जगहों पर स्थानीय वजहों से गुणवत्ता कम हो सकती है। बेशक ग्वालियर में जांच में 1275 वाहनों में प्रदूषण नियंत्रित मिला हो। बेशक वाहन नियंत्रित प्रदूषण कर रहे हों, लेकिन जब उनकी संख्या बढ़ेगी तो कुल प्रदूषण तो बढ़ेगा।