नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। ऑनलाइन गेम खेलकर कमाई के लालच में लोगों को ठगने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर ठग सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को यह कहकर लुभाते हैं कि थोड़े से निवेश के बदले आप लाखों रुपये कमा सकते हैं। वे दावा करते हैं कि एक साधारण मोबाइल गेम खेलकर आप रोजाना मोटी कमाई कर सकते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यह सिर्फ एक जाल है, जिसमें फंसकर लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं।
साइबर सेल के अधिकारियों के अनुसार, ठग सबसे पहले शिकार को गेम का लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही यूजर को रजिस्ट्रेशन और शुरुआती निवेश के लिए कहा जाता है। शुरुआत में उन्हें छोटे-छोटे इनाम या रकम देकर भरोसा दिलाया जाता है, ताकि वे ज्यादा पैसा लगाएं। जैसे ही यूजर बड़ी रकम निवेश करता है, अकाउंट अचानक बंद कर दिया जाता है या गेम का सर्वर 'टेक्निकल फॉल्ट' दिखाने लगता है। इस दौरान ठग पीड़ित से दोबारा संपर्क नहीं कर।
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हाल ही में ग्वालियर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां लोग 2 से 5 हजार रुपये से शुरू करके धीरे-धीरे 50 हजार से लेकर लाखों रुपये तक गंवा बैठे। कई बार ठग खुद को किसी बड़ी गेमिंग कंपनी का एजेंट बताकर भी विश्वास जीत लेते हैं।
किसी भी अनजान लिंक या ऐप को डाउनलोड न करें।
गेम खेलकर मोटी कमाई के वादों पर भरोसा न करें, यह 99 प्रतिशत मामलों में धोखाधड़ी होती है।
अपनी बैंक डिटेल, डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी या ओटीपी किसी को न दें।
केवल सरकारी या विश्वसनीय प्लेटफॉर्म से ही निवेश करें।
साइबर एक्सपर्ट चातक वाजपेयी का कहना है कि ठग 'गैम्बलिंग और गेमिंग' के मिश्रण का इस्तेमाल करते हैं, जिससे लोगों को जल्दी पैसे का लालच होता है और वे सावधानी भूल जाते हैं। आपके साथ ऐसा कोई मैसेज या काल आता है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। समय रहते सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।