नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में यातनागृह बने केंद्रों में एक और मौत का मामला सामने आया है। भिंड के रहने वाले सिपाही अजय सिंह भदौरिया की बड़ागांव स्थित नशा मुक्ति केंद्र में मौत हो गई। उसे पिछले माह केंद्र में ले जाया गया था। स्वजन का आरोप है कि मंथन नशा मुक्ति केंद्र में अजय के साथ मारपीट की गई। उसकी पसलियां तोड़ दी गईं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डेढ़ लीटर रक्त पेट में मिलने की बात कही गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्वजन ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत कर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की। स्वजन के अनुसार, अजय के शव को हाईवे पर छोड़कर संचालकगण भाग गए थे। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के नशा मुक्ति केंद्रों में लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। अरुण सिंह भदौरिया ने बताया कि उनके भाई अजय सिंह भदौरिया (40) निवासी धर्मनगर भिंड वर्तमान में रायसेन में सिपाही के रूप में पदस्थ थे। पिछले माह वह अवकाश पर घर आए थे।
नशे की लत के कारण 23 जुलाई 2025 को मंथन नशा मुक्ति केंद्र बड़ागांव ग्वालियर में उन्हें भर्ती करने के लिए भेजा गया था। केंद्र के संचालक अजय पांडेय और मनीष दुबे तीन और लोगों के साथ गाड़ियों से आए थे और अजय को साथ ले गए। अगले दिन अजय की तबीयत खराब होने की सूचना दी और फिर आधा घंटे बाद मौत की सूचना दे दी। अरुण ने बताया कि इससे कुछ देर पहले ही अजय द्वारा परेशान करने की बात केंद्र वालों ने बताई थी और अस्वस्थ बताया था।
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अजय के एक बेटा व दो बेटी हैं। बता दें कि 14 अगस्त को संस्कार नशा मुक्ति केंद्र महाराजपुरा में पंजाब नेशनल बैंक के फील्ड ऑफिसर पंकज शर्मा की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा 18 अगस्त को शिवपुरी के एक नशा मुक्ति केंद्र में वाहन चोरी के एक आरोपित की संदिग्ध परिस्थितियों मौत हो गई थी।