
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: मध्य प्रदेश में लोगों की थाली में मौजूद भोजन में कितना पोषण है, इसका पता लगाने के लिए एक बड़ा सर्वे अभियान शुरू किया गया है। ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों में यह सर्वे वर्तमान में चल रहा है। इसका मकसद है यह जानना कि आम जनता के भोजन में कौन-कौन से पोषक तत्व कम हैं और उन्हें कैसे बढ़ाया जा सकता है।
सर्वे के दौरान शोधकर्ता यह परखेंगे कि लोग किस प्रकार का भोजन कर रहे हैं, उसमें कौन-से माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट्स (जैसे आयरन, जिंक, प्रोटीन, विटामिन आदि) की कमी है और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लेने के बाद शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस अध्ययन के नतीजों के आधार पर यह तय किया जाएगा कि थाली में परोसे जाने वाले भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा कैसे बढ़ाई जाए।
इस परियोजना के लिए 20 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। पहले चरण के बाद, दूसरे चरण में सर्वे का दायरा धार, झाबुआ और अन्य जिलों तक बढ़ाया जाएगा, जिससे पूरे प्रदेश में खानपान की स्थिति का समग्र मूल्यांकन हो सके। सर्वे को तीन प्रमुख संस्थाएं मिलकर अंजाम दे रही हैं-
हर थाली में पोषण, हर घर में स्वास्थ्य सर्वे पूरा होने के बाद कृषि वैज्ञानिक और एम्स के चिकित्सक मिलकर यह तय करेंगे कि फसलों और खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की वृद्धि कैसे की जाए, ताकि आमजन को संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराया जा सके।
यह सर्वे न केवल खानपान की वास्तविक स्थिति उजागर करेगा, बल्कि भविष्य में स्वस्थ और पोषक भोजन नीति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। भिंड, मुरैना, श्योपुर और ग्वालियर में सर्वे शुरू कर दिया गया है।
-डा. वायपी सिंह, निदेशक विस्तार सेवाएं, कृषि विश्वविद्यालय