नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। रानी कमलापति स्टेशन (भोपाल) से दिल्ली जा रही शताब्दी एक्सप्रेस पर एक बार फिर पथराव की घटना सामने आई है। यह घटना झांसी से लगभग 10 किलोमीटर पहले उस समय हुई जब ट्रेन तेजी से आगे बढ़ रही थी। पथराव ट्रेन के सी-6 कोच पर हुआ, जिससे खिड़की का शीशा टूट गया। गनीमत रही कि इस कोच में बैठे यात्री बाल-बाल बच गए।
पिछले सात दिनों में वीआइपी ट्रेनों पर यह पथराव की पांचवीं और शताब्दी एक्सप्रेस पर चौथी घटना है। लगातार हो रही इन घटनाओं से यात्रियों में दहशत फैल गई है और रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। जानकारी मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीम मौके पर पहुंची और ट्रेन को कुछ देर के लिए रोका गया। यात्रियों ने बताया कि उन्हें अचानक धमाके जैसी आवाज सुनाई दी और जब देखा तो खिड़की का कांच टूट चुका था।
रेलवे अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह कृत्य बच्चों या स्थानीय शरारती तत्वों द्वारा किया गया हो सकता है, लेकिन बार-बार हो रही घटनाएं सुरक्षा में गंभीर चूक की ओर इशारा कर रही हैं। भोपाल-दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण रूट पर चलने वाली VIP ट्रेनों की सुरक्षा में सेंध चिंता का विषय बनती जा रही है। रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
ट्रेनों में भीड़-भाड़ के दौरान होने वाली आपराधिक घटनाओं के साथ ही पिछले कुछ समय से हो रही पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक नई कवायद शुरू की है। इसके अंतर्गत अब आरपीएफ के जवान ट्रेनों को पास कराने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
अभी तक ट्रेनों को प्लेटफार्म से पास कराने की जिम्मेदारी किसी एक निश्चित जवान की नहीं थी, जिससे अव्यवस्था और सुरक्षा संबंधित खामियां बनी रहती थीं, लेकिन अब इसके लिए स्क्वाड लगाया जाएगा। ये स्क्वाड ट्रेन में साथ जाएगा और वापसी में साथ आएगा।
इस दौरान आरपीएफ जवान ट्रेनों को प्लेटफार्म से सुरक्षित पास कराएंगे, जिससे चोरी, छेड़खानी, झपटमारी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा। सर्कुलेटिंग एरिया की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए भी आरपीएफ के जवान सक्रिय रहेंगे।
ट्रेनों में चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों पर विशेष निगाह रखी जाएगी। आरपीएफ के निरीक्षक मनोज शर्मा ने बताया कि ट्रेनों के आने पर अब आरपीएफ के जवानों के मौजूदगी में पास भी कराया जाएगा। ट्रेनों का संचालन सुरक्षित व सुविधाजनक होगा और यात्रियों का रेलवे पर भरोसा बढ़ेगा।
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