
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। साइबर अपराध (Cyber Crime) की चुनौती के चलते दिल्ली के बाद मध्य प्रदेश में भी ई-जीरो एफआइआर (e-Zero FIR) शुरू की गई है। ई-जीरो एफआइआर मूल एफआइआर में परिवर्तित होगी। इसकी विवेचना भी बारीकी से करनी होगी और अपराधी भी पकड़ने होंगे।
अब ग्वालियर में नए साल में साइबर अपराध की पड़ताल से लेकर अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम तैयार की जाएगी। बाकायदा थानों से लेकर साइबर क्राइम विंग तक में टेक्नो फ्रेंडली पुलिसकर्मियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसमें ग्वालियर पुलिस के टीआइ, एसआइ, एएसआइ और हवलदार-आरक्षकों को शामिल किया जाएगा।
खुद एसएसपी ऐसे पुलिसकर्मियों का चयन करेंगे। इसकी एसओपी भी तैयार की जाएगी। यहां बता दें कि अब थानों में भी ऐसे पुलिसकर्मी चिह्नित करने होंगे, जो साइबर क्राइम की पड़ताल कर सकें। क्योंकि अब तक क्राइम ब्रांच में ही एफआइआर होती थी, लेकिन अब ई-जीरो एफआइआर प्रणाली लागू होने के बाद थानों में एफआइआर शुरू हो गई है।
अभी ग्वालियर पुलिस की क्राइम ब्रांच से ही करीब 15 जवानों को साइबर क्राइम विंग में शामिल किया गया है। पूर्व की कई एफआइआर पेंडिंग हैं, जिनमें पड़ताल पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए अब यहां पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
ई-जीरो एफआइआर के बाद सबसे पहले जिन खातों में ठगी का पैसा गया है, उन्हें फ्रीज कराने से लेकर बैंक को पत्राचार करना, पे-वॉलेट कंपनियों को ई-मेल करना, मैसेंजर कंपनियों से अपराध से जुड़े रिकॉर्ड की जानकारी मंगाना, तकनीकि विश्लेषण शामिल है।
साइबर अपराध जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उसके लिए दिल्ली में इस साल ई-जीरो एफआइआर की शुरुआत की गई थी। दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत हुई।
इसके बाद मप्र ऐसा दूसरा राज्य बना, जहां एक लाख रुपये से अधिक की साइबर ठगी की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और साइबर हेल्पलाइन 1930 के जरिये प्राप्त होने वाली शिकायतों पर स्वत: ही ई-एफआइआर दर्ज होती हैं।
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ई-एफआइआर में शिकायत परिवर्तित होते ही संबंधित जिले और थाने में स्थानांतरित होती है। 25 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ई-जीरो एफआइआर प्रणाली लॉन्च की थी। पांच दिन में ही 24 ई-जीरो एफआइआर दर्ज हुई हैं।
साइबर अपराध बड़ी चुनौती है। अब ई-जीरो एफआइआर प्रारंभ हो गई है। ऐसे में एफआइआर बढ़ेंगी तो विशेष टीमें बनाई जाएंगी। नए साल में इसे चैलेंज के रूप में लेंगे और पूरा फोकस करेंगे। थानों और साइबर क्राइम विंग में टेक्नो फ्रेंडली पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
-धर्मवीर सिंह, एसएसपी।