मध्य प्रदेश में दो वर्षों में 329 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुई एफआइआर
MP News: मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने वाली पुलिस पर ही पिछले दो वर्षों में गंभीर आरोपों की बाढ़ आई है। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में कुल 329 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में एफआइआर (FIR) दर्ज की गई हैं।
Publish Date: Wed, 03 Dec 2025 09:58:11 AM (IST)
Updated Date: Wed, 03 Dec 2025 10:00:07 AM (IST)
मध्य प्रदेश में दो वर्षों में 329 पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुई एफआइआर।HighLights
- पिछले दो वर्षों में गंभीर आरोपों की बाढ़ आई
- राज्य सरकार ने विधानसभा में प्रस्तुत किए आंकड़े
- अलग-अलग धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई हैं
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया : भोपालः मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने वाली पुलिस पर ही पिछले दो वर्षों में गंभीर आरोपों की बाढ़ आई है। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में कुल 329 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस विधायक बाला बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित उत्तर में दी।
सरकार का कहना है कि पुलिस विभाग के भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और दोषी पाए जाने वाले कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
विधानसभा में पेश किए गए ये आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि राज्य में पुलिस व्यवस्था को सुधारने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में अब और अधिक सतर्कता बरती जाएगी।
पुलिसकर्मियों पर शामिल हैं ये मामले
सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, इन मामलों में शामिल पुलिसकर्मियों पर लूट, अत्याचार, छेड़छाड़, उत्पीड़न, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
इसके अलावा आम नागरिकों के खिलाफ अन्य अपराधों की धाराओं में भी कई मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि बीते दो वर्षों के दौरान पुलिस बल के भीतर अनुशासन और जिम्मेदारी के मुद्दे पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
259 प्रकरणों में पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किए
मुख्यमंत्री ने बताया कि दर्ज मामलों में से 259 प्रकरणों में पुलिस ने अदालतों में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिए हैं, जिससे इन मामलों में न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है।
वहीं 61 मामलों की जांच अब भी जारी है, जिनमें पुलिस विभाग साक्ष्य और परिस्थितियों की विस्तृत पड़ताल कर रहा है। इसके अलावा सात मामलों को अदालतों ने रद्द कर दिया है, जबकि दो मामलों में न्यायालय द्वारा पुलिस कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है।