नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। बहोड़ापुर क्षेत्र में अस्पताल संचालक से 50 लाख रुपये की Mutual Fund धोखाधड़ी की नाकाम कोशिश की गई थी। अब ग्वालियर साइबर क्राइम ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का भंडाफोड़ कर दिया है। अस्पताल संचालक की जागरूकता से धोखाधड़ी नहीं हो सकी, वहीं पुलिस ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपितों को धर दबोचा। पकड़े गए आरोपितों में दो ICICI Mutual Fund कंपनी में कार्यरत कर्मचारी भी शामिल हैं।
बीते दिनों डॉ. दिनेश कुमार मजूमदार ने शिकायत की थी कि उनके Mutual Fund खाते की जानकारी में छेड़छाड़ कर मोबाइल नंबर और ईमेल आइडी बदले गए हैं और 50 लाख रुपये ट्रांसफर करने का प्रयास किया गया है। सूचना पर साइबर क्राइम पुलिस ने तत्काल खाते से राशि फ्रीज करवा दी। इसके बाद साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह की जांच में पाया गया कि Mutual Fund का लेन-देन कैम्स कंपनी के माध्यम से होता है।
तकनीकी जांच कर पुलिस ने फर्जी नंबर पर रजिस्टर्ड सिम का पता लगाया। इस सिम के धारक नीकेश रावत को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि घटना के मास्टरमाइंड दो कर्मचारी हैं, मयंक राजपूत (30 वर्ष) निवासी थाटीपुर और सचिन त्रिपाठी (25 वर्ष) निवासी गोविंदपुरी। मयंक राजपूत पहले डॉ. दिनेश का म्युच्युअल फंड अकाउंट देखता था।
उसने निवेश के कागजों के बीच छिपाकर डिटेल्स अपडेट करने का फार्म डॉ. दिनेश से हस्ताक्षर करवा लिया था। इसके बाद दोनों आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मोबाइल नंबर व ईमेल आइडी बदल दिए और Mutual Fund को हड़पने की योजना बनाई। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। प्रारंभिक जांच में आरोपितों के अन्य Mutual Fund खातों के साथ भी धोखाधड़ी के साक्ष्य मिले हैं।
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