नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। वर्षा और उसके बाद तपती धूप–उमस… यही मौसम अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। वायरल फीवर की रफ्तार इतनी तेज है कि जयारोग्य अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल तक की ओपीडी में पहुंचने वाला हर दूसरा मरीज बुखार से पीड़ित है। इस बार का वायरल कुछ अलग तरह का है। बुखार, तेज सिर-बदन दर्द और पेट की खराबी तो पांच से सात दिन में काबू में आ जाते हैं, लेकिन खांसी और कमजोरी 15 दिन तक मरीजों को जकड़े रहती है।
खांसी पर कोई दवा असर नहीं कर रही, ऐसे में डॉक्टर मरीजों को दिन में तीन बार भाप लेने की सलाह दे रहे हैं। परेशानी यह कि घर के एक सदस्य को होने पर पूरा परिवार धीरे-धीरे इसकी चपेट में आ रहा है। जिला अस्पताल में पदस्थ एमडी मेडिसिन डॉ. नीतेश मुदगल ने बताया कि इस समय ओपीडी में आने वाले करीब 60 से 70 प्रतिशत मरीज वायरल फीवर से जूझ रहे हैं। टाइफाइड के कुछ केस आ रहे हैं, जबकि डेंगू फिलहाल कम है। यूरिन इंफेक्शन के केस पहले की तरह ही सामने आ रहे हैं।
बदलते मौसम का सबसे ज्यादा खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। कमलाराजा अस्पताल के बाल रोग विभाग में रोजाना 140 से 170 से ज्यादा अभिभावक अपने बच्चों को लेकर पहुंच रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय गौड़ बताते हैं बच्चों की इम्युनिटी पहले से कमजोर होती है। संक्रमित के संपर्क में आने पर वे जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। तेज बुखार के साथ उल्टी–दस्त और कई बार ब्रेन तक असर कर रहा है। रोजाना एक-दो बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है।
इस बार वायरल फीवर ने प्लेटलेट्स को भी निशाना बनाया है। पैथोलाजी लैब में जांच कराने आने वाले करीब 50 फीसदी मरीजों में प्लेटलेट्स सामान्य से कम पाई गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बुखार के 30 फीसदी मामलों में प्लेटलेट्स एक लाख से नीचे पहुंच गई हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि डेंगू टेस्ट निगेटिव आ रहा है, यानी वायरल फीवर भी अब प्लेटलेट्स गिरा रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरल फीवर सामान्य लग सकता है, लेकिन समय पर इलाज न किया जाए तो गंभीर खतरा बन सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
- तेज बुखार (5–7 दिन तक)
- सिर व बदन दर्द
- खांसी और जुकाम (15 दिन तक सताता)
- पेट की खराबी, उल्टी–दस्त
- थकान और कमजोरी
- बच्चों की इम्युनिटी कमजोर, जल्दी शिकार
- ब्रेन तक अटैक कर रहा वायरल
- हर दूसरा मरीज ओपीडी में बुखारग्रस्त
- 30 फीसद मरीजों के प्लेटलेट्स 1 लाख से नीचे
- परिवार के एक सदस्य से पूरे घर में फैलाव
- रोगी खुद को आइसोलेट करें
- बाहर से आने पर हाथ–पैर, मुंह धोकर ही घरवालों से मिलें
- वर्षा या भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें
- नींबू, अदरक, लहसुन, मौसमी फल और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं
- पैरासिटामोल के अलावा खुद से कोई दवा न लें
- 3 दिन से अधिक बुखार पर तुरंत जांच कराएं (डेंगू–टाइफाइड)
- फ्रिज का ठंडा सामान और बासी खाना न खाएं
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