नई दुनिया, ग्वालियर। प्रदेश में मिलावटखोरों की इन दिनों मौज है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि प्रदेश की दो शासकीय फूड टेस्टिंग लैब में फूड सैंपलों की जांच नहीं हो रही है। इन दोनों ही लैब की एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज) की मान्यता समाप्त हो चुकी है, जिसे दोबारा से दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
ऐसे में अब प्रदेश में ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल जैसे बड़े शहरों से लेकर सभी जगह सैंपल जांच का काम ठप पड़ा हुआ है। अकेले ग्वालियर में ही पहली बार फूड सैंपलों की पेंडेंसी 400 पर पहुंच गई है। वहीं इंदौर में यह आंकड़ा 500 है। होली के त्योहार से लेकर अभी तक छह माह में ग्वालियर में सैंपलों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है और ना ही कोई केस आगे बढ़ पा रहा है।
हैरानी की बात यह कि पिछले दो माह से एनएबीएल के सर्टिफिकेशन की बात की जा रही है लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हो सका है। प्रदेश में दो फूड टेस्टिंग लैब इंदौर और भोपाल में हैं। प्राइवेट लैब भी हैं लेकिन न्यायालय में शासकीय लैब की रिपोर्ट ही मान्य होती है।
बता दें कि ग्वालियर में भी लैब बनकर तैयार हो गई है, लेकिन इसका शुभारंभ अभी तक नहीं हो सका है। दो करोड़ रुपये के बजट की कमी के कारण यह अटक गई थी जो मिल गया है। अब जल्द लैब शुरू करने का दावा किया जा रहा है। ग्वालियर सहित प्रदेशभर में पिछले दो माह से सैंपलों की रिपोर्ट जारी नहीं की गई हैं। गौरतलब है कि ग्वालियर में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा बन गया है, इसी तरह भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे शहरों में भी स्थिति यही है।
ग्वालियर में क्वालिटी रेस्त्रां में मई 2025 में हुए लोक स्वास्थ्य विभाग के राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल द्वारा करवाए गए सैंपल की रिपोर्ट 50 दिन बाद ग्वालियर पहुंच सकी। खुद जब विभाग के ही मंत्री ने अपनी मौजूदगी में सैंपल कराए तब रिपोर्ट में इतना समय लग गया।
कर्मचारियों की योग्यता, प्रशिक्षण व अनुभव- उपयुक्त उपकरण
सही ढंग से अंशशोधित-अनुरक्षित- पर्याप्त गुणवत्ता
आश्वासन कार्य पद्धतियां- उचित सैंपलिंग प्रक्रियाएं
उपयुक्त परीक्षण कार्य पद्धतियां- वैध परीक्षण पद्धतियां
राष्ट्रीय मानक पर मापन की अनुमार्गणीयता - सटीक अभिलेख करण
रिपोर्टिंग कार्य पद्धतियां- अनुकूल परीक्षण सुविधाएं
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ग्वालियर खाद्य सुरक्षा अभिहीत अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि ग्वालियर की फूड लैब अभी शुरू नहीं हुई है, बजट आ गया है। सैंपलों की रिपोर्ट लंबित हैं, एक्रीडेशन की प्रक्रिया भी चल रही है। सैंपल रिपोर्ट जल्द भेजने को लेकर रिमाइंडर भी भेजे गए हैं।