Blast in Harda: पटाखा फैक्ट्री में धमाकों की आवाज से दहला हरदा, बाजार बंद, शहर में फैली दहशत
पटाखा फैक्ट्री में रह-रहकर हो रहे धमाके इतने भीषण थे कि आधा घंटे तक आसपास के लोगों को भी कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। लोग बस जान बचाने के लिए यहां वहां भाग रहे थे।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Tue, 06 Feb 2024 02:36:11 PM (IST)
Updated Date: Tue, 06 Feb 2024 07:01:11 PM (IST)
HighLights
- पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद दहशत में आए लोग घरों से निकलकर सड़क पर एकत्रित हो गए।
- न्यायालय में सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट भी कोर्ट छोड़ बाहर निकाल गए थे।
- पहले लोगों ने सोचा कि गैस सिलेंडर के गोदाम में आग लग गई, लेकिन जब ताबड़तोड़ धमाके सुनाई दिए तो पूरा शहर डर के आगोश में समा गया।
हरदा (नवदुनिया प्रतिनिधि)। आम तौर पर शांत रहने वाला शहर आज सुबह पटाखों के धमाकों की गूंज से दहल उठा। लगातार धमाकों से पूरे शहर में अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस घटना से लोग दहशत में आ गए और बड़ा बाजार से लेकर नारायण टाकीज चौराहा तक का पूरा बाजार बंद हो गया। लोग जान बचाने के लिए घर और दुकानों से बाहर निकलकर सड़कों पर एकत्रित हो गए। न्यायालय में सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट भी कोर्ट छोड़ बाहर निकाल गए थे।
हरदा के बैरागढ़ में स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुई आगजनी एवं विस्फोट की गूंज ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच गई। अचानक से हुए विस्फोट की आवाज के साथ मकान के खिड़की दरवाजे हिलने से भयभीत लोग भूकंप की आशंका के कारण घर से बाहर निकल आए। पलासनेर, कड़ौला, नीमगांव, मसनगांव आदि कई गांव में धमाके की गूंज सुनाई दी। अचानक हुए विस्फोट से ग्रामीणों को लगा कि कहीं भूकंप या जलजला आ गया है। कुछ घंटे बाद विस्फोट का कारण पटाखा फैक्ट्री में लगी हुई आग का पता चला।
दिन भर लेते रहे जानकारी दुर्घटना में घायल और मृतकों की जानकारी के लिए लोग दिनभर टीवी और मोबाइल पर समाचार जानने के लिए चिपके रहे। मृतक में मसनगांव की बेटी का एक बेटा भी था।
धमाकों से फैली दहशत
आम दिनों की तरह मंगलवार को शहर गति पकड़ रहा था। शहर का मुख्य बड़ा बाजार में चहल पहल बढ़ने ही लगी थी कि ठीक 11.15 बजे एक जोरदार धमाका सुनाई दिया। पहले लोगों ने सोचा कि गैस सिलेंडर के गोदाम में आग लग गई, लेकिन जब ताबड़तोड़ धमाके सुनाई दिए तो पूरा शहर डर के आगोश में समा गया। महाराणा प्रताप कालोनी के एक दुकान संचालक नरेंद्र राजपूत के मुताबिक धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि कान के परदे फटने का डर लगने लगा था।
आसमान में धुएं का गुबार
पटाखा फैक्ट्री में लगी आग इतनी भीषण थी कि पूरा आसमान धुएं के गुबार में छिप गया था और जमीन में कम्पन महसूस हो रहा था। बड़ा बाजार में तो हाल और भी खराब थे, क्योंकि यह क्षेत्र पटाखा फैक्ट्री के नजदीक ही था। जब लगातार धमाके होने लगे तो मिनटों में पूरा बाजार बंद होने लगा और लोग सड़कों पर भागने लगे। बड़ा बाजार के व्यापारी अनूप जैन के मुताबिक उन्होंने जिंदगी में फैली बार शहर में ऐसी अफरातफरी देखी। करीब आधे घंटे तक धमाकों की आवाज बंद नहीं हुई।
गोशाला पर गिरे बोल्डर
अनूप के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री से करीब 200 मीटर दूर ही दयोदय पशु गोशाला है। हादसे के बाद बोल्डर, लोहे के टुकड़े गोशाला में भी आकर गिरे, जिसमें गोशाला के मैनेजर रामचंद्र छलोत्रे घायल हो गए।कुछ गायों को भी चोटें आई है। गोशाला में बनी सीमेंट की टंकी तेज धमाकों के कारण फट गई है। बड़ा बाजार, नारायण टाकीज चौराहा, प्रताप टाकीज चौराहा का पूरा बाजार बंद रहा।
अदालत कार्यवाही बीच में छोड़कर भागे
न्यायालय में बैठे अधिवक्ता आदित्य गार्गव के मुताबिक वे एक सुनवाई के लिए कोर्ट रूम जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि धमाकों की आवाज सुनाई दी। पहले लगा कि आठ–दस गैस सिलेंडर एक साथ फूटे हो लेकिन धमाकों की आवाज और क्रम तेजी से बढ़ने लगा। कुछ ही मिनटों में पूरा न्यायालय खाली हो गया। मजिस्ट्रेट तक जान बचाने के लिए कमरों से निकलकर सड़क पर आ गए।
अस्पताल में भी भयावह मंजर
उनका कहना था कि करीब आधा घंटे तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। लोग बस, जान बचाने के लिए यहां वहां भाग रहे थे। आदित्य के मुताबिक वे जिला अस्पताल भी पहुंचे थे, लेकिन वहां की ह्रदय विदारक स्थिति देख ज्यादा रुक नहीं पाए। आग से जलने के कारण लोग बुरी तरह चीख रहे थे। स्वजन अपनों की तलाश में भटक रहे थे। उनका कहना था कि आज के हादसे ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। इस हादसे के जख्म भरने में लंबा समय लगेगा।