10 साल पहले आंख में गया था लोहे का टुकड़ा, इंदौर के डाक्टरों ने आपरेशन कर निकाला
देवास के मरीज को 10 दिन पहले दिखना बंद हुआ तो इंदौर के स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आइ अस्पताल पहुंचा, जहां सफल आपरेशन हुआ।
By Hemraj Yadav
Edited By: Hemraj Yadav
Publish Date: Tue, 30 Aug 2022 08:05:00 AM (IST)
Updated Date: Tue, 30 Aug 2022 08:05:42 AM (IST)

इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। देवास के 50 वर्षीय सुभाष शर्मा को दस वर्ष पहले दाई आंख में चोट लगी थी। कुछ दिन इलाज के बाद चोट ठीक हो गई और शर्मा को ठीक से दिखाई भी देने लगा था। दस दिन पहले अचानक आंख में दर्द उठा और आंख लाल होने लगी। धीरे-धीरे आंख की रोशनी कम पड़ने लगी। घबराए शर्मा इलाज के लिए इंदौर के स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आइ पहुंचे। यहां जांच में पता चला कि उनकी आंख में दस वर्षों से एक लोहे का टुकड़ा पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से अब नजर पर खतरा मंडराने लगा है। डाक्टरों ने आपरेशन कर दस वर्ष से पड़े इस लोहे के टुकड़े को निकाला और रोशनी बचाई।
इंदौर के स्कूल आफ एक्सीलेंस फार आइ की रेटिना सर्जरी विशेषज्ञ डा. टीना अग्रवाल ने बताया कि एक्स-रे और सीटी स्कैन से शर्मा की दस वर्ष पुरानी चोट के बारे में पता चला। उस वक्त एक लोहे का टुकड़ा जिसकी साइज चार बाय दो एमएम थी आंख के भीतर चला गया था जो अब तक मौजूद था। इस टुकड़े की वजह से शर्मा की आंख में अब दिक्कत थी। सीटी स्कैन में पता चला कि यह टुकड़ा अब कार्निया के पीछे, आंख के परदे पर पड़ा हुआ था। डाक्टरों की टीम ने आपरेशन कर लोहे के टुकड़े को सफलतापूर्वक निकाला। अब शर्मा की आंख की रोशनी लौट चुकी है। आपरेशन करने वाली टीम में डा. मीता जोशी, डा. ऋषि गुप्ता, डा. शीतल शामिल थे।
जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं उन्हें भी मिल रहा लाभ - अस्पताल अधीक्षक डा. डीके शर्मा ने बताया है कि स्कूल आफ एक्सीलेंस में आयुष्मान कार्डधारी मरीजों का निश्शुल्क उपचार किया जा रहा है। इसके अलावा जिन मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है उनका उपचार रियायती दरों पर किया जा रहा है। यह दर बाजार से लगभग एक चौथाई है।