नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर शहर 10 अगस्त को एक ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनने जा रहा है। तिलकेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ धार्मिक पारमार्थिक सार्वजनिक न्यास और सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में 13 वर्षीय बाल मुनि विजयचंद्र सागर हजारों लोगों की उपस्थिति में अपनी अद्वितीय स्मरण शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।
इस कार्यक्रम में बाल मुनि से सैकड़ों सवाल पूछे जाएंगे, जिनके उत्तर वे सीधे, उल्टे और बीच में से दोहराकर देंगे। यह अद्भुत प्रदर्शन न केवल आम लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा, बल्कि चिकित्सा और वैज्ञानिक समुदाय के लिए भी आश्चर्य का विषय है।
इस आयोजन को लेकर न्यूरोलॉजिस्ट पद्मश्री डॉ. सुधीर शाह, न्यूरोसर्जन डॉ. परेश दोशी और ISRO के वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र भंडारी ने यह स्वीकार किया है कि जैन धर्मग्रंथों और साधना का अभ्यास बच्चों की मस्तिष्क क्षमता को असाधारण स्तर तक बढ़ा सकता है।
उनका मानना है कि इस तरह की साधनाएं बच्चों की स्मरण शक्ति और एकाग्रता को इतना सशक्त बना देती हैं कि वे कई प्रश्नों और तथ्यों को एक बार सुनकर ही याद रख सकते हैं और उन्हें ठीक उसी क्रम में पुनः प्रस्तुत कर सकते हैं।
सरस्वती साधना रिसर्च फाउंडेशन, अहमदाबाद अब इस तकनीक को देशभर के स्कूली बच्चों पर प्रयोग करने की योजना बना रहा है ताकि वे भी मेमोरी पावर को बढ़ा सकें। इंदौर इस पहल का पहला पड़ाव बन सकता है।
हालांकि 1 मई 2023 को मुंबई के वर्ली स्टेडियम में गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर महाराज ने 10 हजार लोगों के सामने सहस्त्रावधान कार्यक्रम (1000 सवालों के उत्तर स्मृति से देना) कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाई थी, लेकिन अब उनके शिष्य मुनि विजयचंद्र सागर इंदौर में इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
आचार्य नयचंद्र सागर महाराज के नेतृत्व में 29 शिष्य इन दिनों तिलक नगर, इंदौर में चातुर्मास कर रहे हैं। इनमें से 12 शिष्य ऐसे हैं जो 100 से लेकर 1000 सवालों को याद रखने और तुरंत दोहराने में सक्षम हैं। मुनि विजयचंद्र सागर भी इन्हीं में से एक हैं, जिनकी उम्र मात्र 13 वर्ष है, लेकिन स्मृति कौशल ऐसा कि लोग चमत्कृत हो जाएं।