इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Child Labour In Indore । बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ चाइल्ड लाइन को पिछले छह माह में बाल श्रम की 20 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 14 मामलों में बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया। चाइल्डलाइन और महिला बाल एवं विकास विभाग की टीम आगामी दिनों में शहर के चौराहे पर भीख मांगने वाले बच्चों को रेस्क्यू करने के संबंध में जल्द ही मुहिम शुरू करेगी।

कोविड-19 के कारण पिछले दो साल से चाइल्ड लाइन द्वारा चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों के रेस्क्यू के लिए कोई भी मुहिम नहीं चलाई गई है। यही वजह है कि आज भी पलासिया, भंवरकुआं, खजराना एमजी रोड सहित कई चौराहों पर महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर भीख मांग रही है और बच्चों से भीख भी मंगवा रही है। इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने की योजना बनाई गई है लेकिन अभी तक इस संबंध में नगर निगम, चाइल्डलाइन और महिला बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

रविवार को बाल दिवस के अवसर पर चाइल्ड लाइन की टीम ने मधुमिलन चौराहे स्थित नेहरू प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और यहां मौजूद बच्चों को फ्रेंडशिप बेल्ट बांधे। रविवार को महू की स्लम बस्ती डोंगरगांव में चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चों के अधिकारों और चाइल्ड हेल्पलाइन की जानकारी के संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यहां पर बच्चों और बड़ों को बताया गया कि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे किस तरह चाइल्ड लाइन की हेल्पलाइन 1098 से मदद पा सकते हैं। इस बस्ती में रहने वाले बच्चों को सामाजिक संस्था के माध्यम से शिक्षण सामग्री का वितरण भी किया गया।

Posted By: Sameer Deshpande

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