
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य जारी है। मंगलवार को जिले में प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया। सूची में 24 लाख 20 हजार 171 मतदाताओं के नाम शामिल किए गए है। जबकि चार लाख 47 हजार 123 मतदाताओं के नाम सूची से हटे। वहीं एक लाख 33 हजार 696 मतदाताओं की मैपिंग नहीं होने से नोटिस जारी होंगे और इनको दस्तावेज के साथ प्रस्तुत होना होगा। इनकी सुनवाई कर नाम शामिल करने और हटाने के आदेश जारी होंगे। सुनवाई के लिए जिले में 58 केंद्र बनाए गए है। जिले में प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद अब 22 जनवरी तक दावे आपत्ति लिए जाएंगे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिवम वर्मा की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। बैठक में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष रोल पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त भारत सरकार के संयुक्त सचिव ब्रजमोहन मिश्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में बताया गया कि प्रारूप मतदाता सूची में नो मैपिंग वाले मतदाताओं को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सात दिन बाद इनकी सुनवाई होगी और एक दिन में रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सिर्फ 50 की सुनवाई कर सकेंगे। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पवार, सहायक उप जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत श्रीवास्तव, मास्टर ट्रेनर आरके पाण्डे सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सहायक उप जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत श्रीवास्तव ने बताया कि नो मैपिंग वाले मतदाता निर्धारित दस्तावेजों के साथ दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। जन्मतिथि के अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। दावा-आपत्ति के निराकरण के लिए 76 अतिरिक्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है तथा दस्तावेजों के सत्यापन के लिए विभिन्न विभागों के 10 शासकीय सेवकों को नोडल अधिकारी बनाया जा रहा है।
प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम भी शुरू हो चुका है। 18 साल की उम्र पूरी करने वाले मतदाता या अन्य मतदाता फार्म 6 भरकर नाम जुड़वा सकेंगे। इसमें जन्म और पते का प्रमाण देना होगा। इसके साथ ही घोषणा पत्र (अनुलग्न-4) भरना होगा। घोषणा पत्र में यदि मतदाता 2003 में मतदाता था, तो उसको उस समय के बूथ और विधानसभा की जानकारी और यदि मतदाता नहीं था तो माता या पिता की 2003 की जानकारी भरकर देना होगी। एसआइआर के दौरान फॉर्म नहीं भर सके मतदाता भी 2003 की जानकारी देकर नाम जुडवा सकते है।
विधानसभा अनुसार प्रारूप
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हटाए गए मतदाताओं की जानकारी