नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। इंदौर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा मांगलिया में 30 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के प्लांट का शुभारंभ हो गया है। अब इसमें तैयार होने वाला मिल्क पाउडर राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के शहरों की दूध की कमी को पूरा करेगा। अभी तक सहकारी दुग्ध के पास 10 लाख मीट्रिक टन क्षमता का मिल्क पाउडर बनाने का प्लांट था, इस वजह से पशु पालकों से मिलने वाला अतिरिक्त दुग्ध भी अब सहकारी दुग्ध संघ खरीद नहीं पाता था। अब प्लांट की क्षमता का विस्तार होने के बाद दुग्ध संघ अतिरिक्त दूध भी खरीद सकेगा। पहले किसानों को अतिरिक्त दूध को कम भाव पर बाजार में मजबूरन बेचना पड़ता था, क्योंकि कच्चा दूध तीन से चार घंटे में खराब हो जाता है।
नए प्लांट के शुरू होने से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इससे दूध पाउडर निर्माण की लागत में कमी आएगी। इसका सीधा फायदा किसानों और पशु पालकों को मिलेगा। गौरतलब है कि भारत सरकार के नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेवलपमेंट योजना के इंदौर में तैयार हुए मिल्क पाउडर प्लांट का शुभारंभ शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली किया। इस संयंत्र के शुरू होने से पशु पालकों से अतिरिक्त दूध क्रय किया जाएगा और इससे पाउडर बनाकर रखा। गर्मी के सीजन में दूध की आवक कम होने पर फिर पाउडर से पुन: दूध निर्माण किया जाएगा।
यह दूध पाउडर संयंत्र, स्काडा सिस्टम के तहत स्वचालित व कंप्यूटर आधारित है। इससे दूध पाउडर निर्माण की प्रक्रियाओं की निगरानी और डेटा एकत्र कर होगा। सालभर में गर्मी सीजन को छोड़कर अधिकांश समय अतिरिक्त दूध मिलता है। ऐसे में अतिशेष रहने वाले दूध का पूर्ण उपयोग होगा
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा वर्तमान में 1700 दुग्ध समितियों में शामिल 45 हजार दुग्ध उत्पादक किसानों से प्रतिदिन तीन लाख लीटर दूध खरीदा जाता है। इंदौर जिले के दुग्ध उत्पादक किसान इन समितियों के माध्यम से पशुओं का दूध दे सकेंगे। गांवो से दुग्ध समितियों द्वारा दिए जाने वाले दूध को बल्क मिल्क कूलर में ठंडा करने के बाद दूध टैंकरों से मांगलिया स्थित प्लांट पर पहुंचाया जाता है।
समिति इंदौर संभाग में एकत्र होने वाले अतिरिक्त दूध से दही, छाछ, लस्सी, पेड़े, रसगुल्ला, श्रीखंड, गुलाब जामुन, आइस्क्रीम तैयार कर बेचती है। इसके बाद बचे हुए दूध से पावडर बनाते हैं।
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इंदौर सहकारी दुग्ध संघ मुख्य कार्यपालन अधिकारी बलवीर शर्मा ने कहा कि इस प्लांट के तैयार होने से हम अधिक मात्रा में किसानों से दूध क्रय करेंगे। इससे दुग्ध उत्पादक किसानों की आय में वृद्धि होगी। मांगलिया का दूध पाउडर प्लांट दूसरे राज्यों के दूध की कमी को इंदौर पूरा करेगा। अतिरिक्त दूध से पाउडर बनाकर रखा जाएगा। दूध की आवक कम होने पर फिर पाउडर से दूध बनाएंगे। पहले किसानों को अतिरिक्त दूध कम भाव पर बाजार में मजबूरन बेचना पड़ता था, लेकिन अब इसका सीधा फायदा दुग्ध उत्पादक किसानों को मिलेगा।