Healthy Lifestyle: रक्त में पीएच वैल्यू को संतुलित कर रह सकते हैं स्वस्थ
Healthy Lifestyle: किसी भी तरल पदार्थ में हाईड्रोजन आयन के घनत्व के माप को पीएच कहा जाता है। किसी भी तरल में यदि पीएच वैल्यू सात हो तो उसे न्यूट्रल माना जाता है। मौसम कोई भी हो पानी भरपूर मात्रा में लें।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Wed, 23 Nov 2022 10:22:40 AM (IST)
Updated Date: Wed, 23 Nov 2022 10:22:40 AM (IST)

Healthy Lifestyle: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बदलती जीवनशैली और बिगड़ते खानपान के कारण कई बीमारियां लोगों को घेर रही है। वर्तमान में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें सिरदर्द होता है, नींद ठीक से नहीं आती, सुबह तरोताजा महसूस नहीं करते, हमेशा कब्ज की समस्या रहती है, स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है तो इसकी वजह यह हो सकती है कि आपका खून एसिडिक हो गया हो। खून एसिडिक हो जाने पर इन लक्षणों के अलावा मरीज का किसी काम में मन नहीं लगता, शरीर में ऐंठन व दर्द बना रहता है, आंखों में जलन व सुस्ती रहती है। शरीर धीरे-धीरे बीमारी की ओर बढ़ने लगता है। अक्सर चिकित्सक कहते हैं कि रक्त में पीएच वैल्यु की जांच कराना होगी। वास्तव में रक्त में अम्लीयता और क्षारीयता के स्तर की जांच से आए नतीजे को पीएच वैल्यू कहा जाता है।
प्राकृतिक चिकित्सक वृंदा खांडवे के अनुसार किसी भी तरल पदार्थ में हाईड्रोजन आयन के घनत्व के माप को पीएच कहा जाता है। किसी भी तरल में यदि पीएच वैल्यू सात हो तो उसे न्यूट्रल माना जाता है। यदि पीएच वैल्यू सात से कम आ रही हो तो उसे खून में एसिड की अधिकता माना जाता है। यही वजह है कि खून में पीएच वैल्यू 7.35 और 7.45 रखने की सलाह दी जाती है और इस पर सख्ती से अमल भी करना चाहिए। यदि रक्त में बहुत अधिक एसिड हो तो उसे 'एसिडोसिस' नामक बीमारी कहा जाता है।
एसिडोसिस को ठीक करने के लिए आहार पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए आपका आहार स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से युक्त, सुपाच्य और ताजा होना चाहिए। अपने आहार में मौसमी व स्थानीय फल और सब्जी को जरूर शामिल करें। सलाद, हरी सब्जियां, ताजे कटे हुए फल, अंकुरित अनाज, छाछ, दही, रागी, सहजन, ब्रोकोली आदि आहार में शामिल करना चाहिए। मौसम कोई भी हो पानी भरपूर मात्रा में लें। भोजन कभी भी जल्दबाजी में न करें। भोजन को अच्छे से चबाकर खाएं और धीरे-धीरे भोजन करें।
अक्सर लोग नींबू के सेवन से गुरेज करते हैं पर नींबू बहुत गुणकारी है। यह एकमात्र ऐसा फल है जो अम्लीय और क्षारीय दोनों है। प्रतिदिन खाना खाने के बाद आधे गिलास पानी में नींबू की पांच बूंदे मिलाकर पीने से अम्लीयता कम होती है।