नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। राज्यकर (एसजीएसटी) की टीमों ने मंगलवार को शहर के ड्रायफ्रूट कारोबारियों और आयातकों के यहां जांच शुरू की। जीएसटी विभाग की एंटी इवेजन विंग और सर्कल की टीमों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए सियागंज से लेकर मारोठिया बाजार तक छापे मारे।
9 कारोबारी फर्में जांच के घेरे में
कुल नौ फर्में इस जांच के दायरे में आईं। इनमें सियागंज की श्रीहरि ट्रेडिंग कंपनी, महाकाल ट्रेडिंग कंपनी, हिंदुस्तान ट्रेडिंग कंपनी, महेश ट्रेडर्स, डीएस ट्रेडर्स, सुनील ड्रायफ्रूट्स, मां इंपेक्स और राकी काजू शामिल हैं। वहीं, मारोठिया बाजार में गोविंदजी और सर्वोत्तम ड्रायफ्रूट पर भी विभाग की टीमें पहुंचीं।
त्योहारों के सीजन से पहले कर चोरी की शंका पर यह कार्रवाई की गई है। लंबे समय से स्टेट जीएसटी छापों से दूरी बनाए हुए था। बीती दीपावली पर भी किसी तरह की छापामार कार्रवाई नहीं हुई थी।
भाजपा नेता की फर्म पर भी जांच
जिन फर्मों पर जांच हुई, उनमें भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और सियागंज व्यापारी एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष धीरज खंडेलवाल की फर्म भी शामिल है। छापों के बाद खंडेलवाल ने कहा कि यह विभाग की रुटीन जांच है।
स्टॉक और बिलों की हो रही पड़ताल
स्टेट जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक तौर पर स्टॉक और मिलान की जांच की जा रही है। इसके अलावा आयात, खरीद और बिक्री के बिलों की पड़ताल भी की जा रही है। सूखे मेवों पर 5 और 12 प्रतिशत जीएसटी, जबकि तले और फ्लेवर्ड ड्रायफ्रूट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है। करीब 50 अधिकारी इस जांच में लगे हुए हैं और पुलिस सुरक्षा भी ली गई है। कर अपवंचन की स्थिति बुधवार को स्पष्ट होने की संभावना है।
कालोनाइजर पर भी छापा
सोमवार शाम स्टेट जीएसटी की एंटी इवेजन विंग ने शहर के कालोनाइजर अखिलेश कोठारी के इंदौर और उज्जैन स्थित ठिकानों पर भी छापे मारे। रियल एस्टेट के अलग-अलग प्रोजेक्ट चला रही कोठारी की कंपनी जेआरपीएल जांच के निशाने पर है। दफ्तर और प्रोजेक्ट साइट पर विभाग के अधिकारी पड़ताल कर रहे हैं।