नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। एरोड्रम थाना क्षेत्र में सोमवार को हुए सड़क हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। सोमवार को दो लोगों की मौत के बाद मंगलवार को महेश खतवासे निवासी मारूती पैलेस की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं उनकी पत्नी रजनी अब भी अरबिंदो अस्पताल की आईसीयू में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है।
आईसीयू में जिंदगी से जूझ रही पत्नी
हादसे के समय रजनी और महेश दोनों साथ थे। रजनी को खुद से ज्यादा पति की चिंता सता रही है। अस्पताल आने वाले स्वजन से वह बार-बार पति की खबर पूछ रही हैं। उन्हें अभी तक महेश की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। स्वजन उन्हें यही कहते हैं कि महेश दूसरे वार्ड में भर्ती हैं।
रजनी की मां सुमन, जो भीकनगांव से आई हैं, उनकी देखभाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कभी नहीं सोचा था ऐसा दिन देखना पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अस्पताल पहुंचकर रजनी से मुलाकात की और इलाज निशुल्क कराने के साथ एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया।
पत्नी अंतिम समय में नहीं देख पाई पति का चेहरा
महेश का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन उनकी पत्नी रजनी ICU में होने के कारण अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई। महेश के भाई संतोष ने बताया कि वह पत्नी के साथ सब्जी खरीदने गए थे, तभी यह हादसा हुआ।
महेश की दो बेटियां और एक बेटा है। बेटियां शादीशुदा हैं, लेकिन बेटे-बेटियां बार-बार यह कह रहे हैं कि मां को जब सच्चाई पता चलेगी तो उनका क्या हाल होगा।
पति की मौत से अकेली रह गई बुजुर्ग महिला
सड़क हादसे में वैशाली नगर निवासी कैलाशचंद जोशी की भी मौत हो गई। हादसे के समय वह अपनी बीमार पत्नी के लिए दवाई लेने निकले थे। ट्रक उन्हें दूर तक घसीटता हुआ ले गया। कैलाशचंद की कोई संतान नहीं है। पत्नी अब पूरी तरह अकेली हो गई हैं।
पड़ोसियों प्रिया और मीरा ने बताया कि कैलाशचंद का व्यवहार बहुत अच्छा था और वह सभी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उनकी मौत से पूरा मोहल्ला शोक में है।
प्रोफेसर लक्ष्मीकांत सोनी का भी हुआ अंतिम संस्कार
इसी हादसे में सुखदेव नगर निवासी और मैडिकेप्स कॉलेज के प्रोफेसर लक्ष्मीकांत सोनी की भी जान गई। मंगलवार को उनका भी अंतिम संस्कार कर दिया गया।