नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। काले हिरण के मांस की तस्करी में पकड़े गए आरोपितों ने गिरोह से जुड़े कई सदस्यों के बारे में विशेष बाघ संरक्षण बल (एसटीएसएफ) को अहम जानकारी दी है। आरोपितों ने बताया कि शिकार के बाद खरीदारों को यकीन दिलाने के लिए वे वन्यप्राणियों को काटते हुए फोटो और वीडियो बनाते थे।
इन्हीं वीडियो के आधार पर गिरोह के बाकी सदस्य मांस और खाल की तस्करी करते थे। खाल, मांस और सींग अलग-अलग टीमों को सौंपे जाते थे, जो इनकी तस्करी को अंजाम देते थे।
दिसंबर में भोपाल से मुंबई जाते समय महू में तीन तस्करों के पास से 65 किलो काले हिरण का मांस बरामद किया गया था। इम्तियाज के मोबाइल से मिले फोटो और वीडियो को आधार बनाकर एसटीएसएफ ने एक और प्रकरण दर्ज किया। आरोपितों को सितंबर के तीसरे सप्ताह में रिमांड पर लिया गया था, जो 29 सितंबर को समाप्त हुई। इम्तियाज, सलमान और जौहर हुसैन से अलग-अलग पूछताछ में उन्होंने बताया कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और कान्हा नेशनल पार्क में भी शिकार किया गया था, जहां वे सांभर और बारहसिंगा के लिए जाते थे।
गिरोह के कुछ सदस्य भोपाल के अलावा मुंबई के माहिम, अंधेरी और भयंदर में सक्रिय हैं। जांच में कुछ वनकर्मियों की भूमिका भी सामने आई है।
आमिर ने सिखाई गन चलाना
तस्करों से शिकार के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली स्वीडिश गन और 12 बोर की बंदूक एसटीएसएफ ने बरामद की थी, जिन्हें फार्म हाउस में छिपाकर रखा गया था। इम्तियाज ने बताया कि स्वीडिश गन चलाना कठिन था और इसे आमिर ने सिखाया था, क्योंकि वह राष्ट्रीय स्तर का निशानेबाज है। फिलहाल आमिर भोपाल से फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।
विदेशों में भेजते थे मांस
तस्करों ने खुलासा किया कि शिकार के बाद वन्यप्राणियों को फार्म हाउस में काटकर पैक किया जाता था। इस मांस को अरब देशों में भी भेजा जाता था। इसके लिए पैकेजिंग पर विशेष ध्यान रखा जाता था। हिरण का मांस खाने के शौकीन लोग इसके लिए मुंहमांगा दाम चुकाते थे।