नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। चोइथराम थोक मंडी में भ्रष्टाचार के आरोपों को बल तब मिला जब मंडी केंटीन संचालक नंदकिशोर गुप्ता ने रिश्वतखोरी का वीडियो जारी कर दिया। मंगलवार को वायरल हुए इस वीडियो में गुप्ता मिठाई के डिब्बे में नोटों की गड्डियां रखते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में गुप्ता यह कहते हुए दिखे कि हर महीने मंडी सचिव को 50 हजार रुपये और गार्डों को 10 हजार रुपये अलग से देने पड़ते हैं। उनका कहना है कि अब वह परेशान हो गए हैं और इतने खर्च का बोझ नहीं उठा पा रहे।
रिश्वतखोरी का आरोप और धमकाने की शिकायत
गुप्ता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मंडी में चल रही अवैध केंटीनों की शिकायतें कीं तो सचिव और कर्मचारियों ने और रिश्वत मांगी। वीडियो जारी करने के बाद उन्हें बुलाकर धमकाया और हाथापाई भी की गई। इस पर उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
गुप्ता का कहना है “मैं तीन साल से केंटीन चला रहा हूँ, हर महीने शासन को एक लाख से ज्यादा किराया देता हूँ। इसके बावजूद सचिव और गार्ड लगातार घूस मांगते हैं। अब मैं परेशान होकर यह वीडियो बनाने को मजबूर हुआ।”
सचिव ने दी सफाई
मंडी सचिव नरेश परमार ने आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा,“वीडियो अनंत चतुर्दशी का है। गुप्ता प्रसाद बोलकर मिठाई का डिब्बा मेरे दफ्तर में देकर गए थे। वैसे उनके नाम पर कोई केंटीन आवंटित नहीं है। वायरल वीडियो और दफ्तर के वीडियो में उनकी शर्ट का रंग भी अलग है।”
किसान नेताओं ने उठाई आवाज
इस पूरे विवाद के बीच मंगलवार को मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक कुमार पुरुषोत्तम इंदौर आए। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात कर मंडी में व्याप्त भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं की शिकायत की। किसान नेताओं ने मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की।