
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। बीआरटीएस को तोड़ने वाली एजेंसी तय हुए दो माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन इसे तोड़ने का काम जोर नहीं पकड़ पा रहा। एक नवंबर को एजेंसी ने विधिवत बीआरटीएस तोड़ने की शुरुआत भी कर दी थी, लेकिन इक्का-दुक्का जगह काम करने के बाद वर्तमान में हालत यह है कि काम ठप पड़ा है। शहरवासी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर बीआरटीएस टूटेगा कब।
इधर, बीआरटीएस तोड़ने का ठेका लेने वाले ठेकेदार ने नगर निगम पहुंचकर कहा कि उसके बदले इंदौर की एजेंसी काम करेगी। ठेकेदार ने सात लाख रुपये का डीडी देकर नगर निगम से अनुबंध भी कर लिया। उम्मीद जताई जा रही है कि एक-दो दिन में बीआरटीएस तोड़ने का रूका हुआ काम फिर से जोर पकड़ लेगा। हाई कोर्ट ने 11.47 किमी लंबे बीआरटीएस को तोड़ने की अनुमति 27 फरवरी 2025 को दी थी। इसके अगले ही दिन जनप्रतिनिधियों ने सांकेतिक रूप से बीआरटीएस को तोड़ने की शुरूआत कर भी दी, लेकिन इसके बाद काम जोर नहीं पकड़ सका।
दरअसल, बीआरटीएस तोड़ने के लिए कोई एजेंसी सामने नहीं आ रही थी। निगम बीआरटीएस के बदले तीन करोड़ 37 लाख रुपये मांग रहा था। ठेका लेने वाली एजेंसी को बीआरटीएस तोड़ने से निकलने वाले मटेरियल को ले जाने की अनुमति थी। बार-बार निविदा जारी करने के बाद भी जब किसी एजेंसी ने रूचि नहीं दिखाई तो नगर निगम ने शर्तों में बदलाव किया। अंतत: करीब दो माह पहले बीआरटीएस तोड़ने वाली एजेंसी तय हो गई। बावजूद इसके काम शुरू नहीं हो सका। एक नवंबर को ठेकेदार ने जीपीओ क्षेत्र में काम शुरू कर भी दिया, लेकिन दूसरे ही दिन इसे रोक भी दिया।
हंगामा मचा तो नगर निगम ने ठेकेदार को मुख्यालय बुलाया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने यह काम इंदौर की एजेंसी को दे दिया है। गुरुवार को इस बारे में निगम और ठेकेदार के बीच अनुबंध भी हो गया। काम में तेजी लाने के लिए कहा है ठेकेदार ने काम बंद कर दिया था। उसे समझाइश दी है। ठेकेदार का कहना है कि उसके बदले इंदौर की एजेंसी काम करेगी।
गुरुवार को ठेकेदार और निगम के बीच अनुबंध हो गया है। ठेकेदार ने सात लाख रुपये का डीडी जमा कराया है। उम्मीद है अब तेजी से काम होगा। - राजेंद्र राठौर, जनकार्य प्रभारी नगर निगम
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