
नईदुनिया प्रतिनिधि,इंदौर। अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द ही ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों को मजबूत किया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के ताजा आंकड़ों से भी इसे सपोर्ट मिला, जिसमें पता चला कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने अपनी खरीदारी तेज कर दी है, अक्टूबर में नेट 53 टन सोना जोड़ा जो नवंबर 2024 के बाद से सबसे ज्यादा खरीदारी है।
साल-दर-साल खरीदारी अब 254 टन हो गई है, जिसमें पोलैंड और ब्राजील सबसे आगे हैं, जबकि चीन ने लगातार 12 महीनों तक खरीदारी जारी रखी है। विश्व स्तर पर,तीसरी तिमाही में सोने की मांग 3 फीसदी बढ़कर रिकार्ड 1,313 टन हो गई, जो बार और सिक्कों की खरीदारी में 17 प्रतिशित की बढ़ोतरी और ईटीएफ इनफ्लो में 134 फीसदी की तेज उछाल के कारण हुआ। जिसने कमजोर ज्वेलरी डिमांड की भरपाई की।
हालांकि, ऊंची कीमतों के कारण ज्वैलरी मार्केट में ताजा स्थिति में भौतिक मांग में गिरावट के संकेत दिखे। भारतीय सोने की डिमांड में गिरावट आई क्योंकि स्थानीय कीमतें रिकार्ड ऊंचाई के करीब पहुंच गईं। सप्ताह के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन वायदा मार्केट में सटोरियों की सक्रियता बनी रहने से सोना वायदा 13 डालर सुधरकर 4210 डालर प्रति औंस और चांदी वायदा 14 सेंट बढ़कर 58.45 डालर प्रति औंस पर कारोबार करती देखी गई।
हालांकि इसका असर भारतीय बाजारों पर नहीं पड़ा। सोमवार को इंदौर मार्केट में दोनों धातुओं की कीमतों में स्थिरता रही। इंदौर में सोना केडबरी शनिवार के बंद भाव 128100 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी चौरसा 175000 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रही।
कामेक्स पर सोना वायदा बढ़कर 4210 डालर तक जाने के बाद ऊपर में 4218 डॉलर और नीचे में 4193 डालर प्रति औंस और चांदी 58.45 डालर तक जाने के बाद ऊपर में 58.61 डालर और नीचे में 57.47 डालर प्रति औंस पर कारोबार करती देखी गई।