
DAVV Indore: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अपनी परीक्षाओं को लेकर रूपरेखा बनाने में लगा है। विश्वविद्यालय ने स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं मार्च में करवाने का फैसला लिया है, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत बीए, बीकाम, बीएसससी सहित अन्य यूजी पाठ्यक्रम शामिल है।
डीएवीवी ने इनके साथ ही आखिरी बार पुरानी स्कीम वाले स्नातक पाठ्यक्रम (ओल्ड कोर्स) की परीक्षा भी आयोजित पर जोर दिया है। मगर 11 से 23 मार्च के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) पीजी भी होगी। ऐसे में विश्वविद्यालय की दिक्कतें बढ़ गई है। अब विश्वविद्यालय ने एनटीए को पत्र लिखने की तैयारी की है, क्योंकि सीयूईटी पीजी का शेड्यूल आने पर परीक्षाओं का समय तय किया जाएगा।
चुनाव की वजह से कर्मचारियों-अधिकारियों की निर्वाचन कार्यों में ड्यूटी लग सकती है। इससे पहले विश्वविद्यालय ने स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा रखी है, क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि निर्वाचन कार्यों के प्रशिक्षण में कर्मचारी व्यस्त रहेंगे।
ऐसे में विश्वविद्यालय की परीक्षा-रिजल्ट व्यवस्था प्रभावित होगी। परीक्षाएं जून से पहले होना थोड़ा मुश्किल है। जबकि जुलाई से नया शिक्षा सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू होगी। पीजी पाठ्यक्रम में आसानी से प्रवेश ले सके इसके लिए स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा मार्च में करवाने पर सहमति बनी है।

एनईपी और पुराने स्कीम के अंतर्गत स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा करवाएंगे, जिसमें 80 हजार छात्र-छात्राएं सम्मलित होंगे। अकेले पुराने स्कीम से बीए, बीकाम, बीएससी अंतिम वर्ष की परीक्षा में दस हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। अधिकारियों के मुताबिक 1 से 30 मार्च के बीच परीक्षा होगी। उसके बाद विद्यार्थियों की कापियां जांचने का काम किया जाएगा।
जून-जुलाई के बीच रिजल्ट निकालेंगे। मगर एनटीए ने सीयूटीई पीजी की तारीख घोषित कर दी। साथ ही उन्होंने 11 से 23 मार्च के बीच देशभर के सारे विश्वविद्यालयों को अन्य कोई परीक्षा नहीं रखने के बारे में कहा है। एनटीए के पत्र ने विश्वविद्यालय की तैयारियों पर पानी फेर दिया है।
एनटीए से करेंगे चर्चा
सीयूईटी पीजी की परीक्षा के संबंध में विश्वविद्यालय पत्र लिखेंगा। अधिकारियों का तर्क है कि सीयूईटी सुबह वाले सत्र में करवाई जाती है तो विश्वविद्यालय अपनी परीक्षाएं दोपहर और शाम वाले सत्र में करवाएंगे। इसके लिए एनटीए से चर्चा की जाएगी।
वे बताते है कि यदि सीयूईटी पीजी अप्रैल में होती है तो एनटीए और विश्वविद्यालय की परेशानी काफी हदतक खत्म हो जाएगी। परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी का कहना है कि सीयूईटी पीजी देने वालों में स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थी होंगे। ऐसे में सीयूईटी-स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा एक साथ होने से विद्यार्थियों परेशान होंगे। उनके लिहाज से दोनों परीक्षाएं अहम है।