
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, DAVV Indore। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रत्येक शैक्षणिक संस्थानों को नैक निरीक्षण करवाने के निर्देश दे रखे हैं। सरकारी और निजी कॉलेजों ने आवेदन करना शुरू कर दिया है। मगर इन्हें नैक के लिए तैयार करने में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) आगे आया है। कारण यह है कि विश्वविद्यालय को पिछले साल ही नैक से 'ए प्लस" ग्रेड हासिल हुई है। इसकी वजह से विवि प्रशासन कॉलेजों की कमियां पूरी करने में मदद करेगा। जिसे इन्हें अच्छी ग्रेड हासिल हो सके।
2022 तक प्रत्येक कॉलेज को नैक निरीक्षण करवाकर रखना है। पहले चरण में उन कॉलेजों को रखा है, जिन्होंने पांच साल पूरे कर लिए है। ज्यादातर सरकारी कॉलेजों ने आवेदन कर दिया है जबकि निजी कॉलेज और अनुदान कॉलेज भी नैक निरीक्षण करवाने में दिलचस्पी दिखा रहे है। उच्च शिक्षा विभाग ने भी पहली मर्तबा निरीक्षण करवाने वाले कॉलेजों को ट्रेनिंग देना का विचार किया है। यहां तक जनवरी-फरवरी में एक-एक शिक्षाविद् को कॉलेजों की जिम्मेदारी संभालने को दी और समिति को तैयारियों का मार्गदर्शन करने को कहा। वहीं नवंबर 2019 में विश्वविद्यालय को भी अच्छी ग्रेड हासिल हुई। इसके बाद विवि ने भी अपने दायरे में आने वाले कॉलेजों को तैयार करने का जिम्मा उठाया है। विश्वविद्यालय की इंटरनल क्वालिटी इश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) के प्रत्येक सदस्य अलग-अलग कॉलेज में जाकर उन्हें टीचिंग, स्टॉफ, अनुदान, कम्प्यूटर सेंटर, कोर्स समेत अन्य क्षेत्रों के बारे में जानकारी देंगे। यहां तक कुछ कमियों को किस तरह पूरा किया जाएगा। इसके बारे में बताएंगे। वहीं नैक के लिए प्रेजेंटेशन भी बनाने में मदद करेंगे। कुलपति डॉ. रेणु जैन ने कहा कि अब शैक्षणिक एजेंसियां शिक्षा का स्तर सुधारने पर अधिक जोर दे रही है। इसलिए विवि के दायरे में आने वाले कॉलेजों को भी नैक के लिए तैयार करेंगे। कॉलेजों के लिए विवि की एक समिति बनाएंगे, जो उनकी मार्गदर्शन देंगी।
जनवरी तक बढ़ाएं निरीक्षण
संक्रमण की वजह से जिन कॉलेजों ने नैक के लिए आवेदन कर रखे है। उनके यहां होने वाले निरीक्षण कुछ महीनों के लिए आगे बढ़ा दिए हैं। नैक ने जुलाई में कॉलेजों को चार महीने का और समय दिया है। इंदौर संभाग के करीब 40 कॉलेजों का निरीक्षण रुका हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक जनवरी 2021 से दोबारा निरीक्षण किए जाएंगे।