
नईदुनिया प्रतिनिधि, महू (इंदौर) : दिल्ली में सोमवार शाम हुए कार विस्फोट (Delhi blast) और हरियाणा के फरीदाबाद से बरामद 2,563 किलो विस्फोटक मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में है। आतंकी साजिश के आरोप में गिरफ्तर किए गए मुज्जमिल शकील और उमर नबी मोहम्मद इसी यूनिवर्सिटी के छात्र थे। जांच में यूनिवर्सिटी का मध्य प्रदेश के महू से कनेक्शन सामने आया है।
यूनिवर्सिटी को संचालित करने वाले अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना महू में जवाद अहमद सिद्दीकी ने की थी। वर्तमान में भी वह ट्रस्ट का अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी का कुलाधिपति है।
फरीदाबाद स्थित इस विश्वविद्यालय की शुरुआत इंजीनियरिंग कालेज से हुई थी। जांच में यह भी पता चला है कि डॉ. मुजम्मिल शकील, उमर मोहम्मद और शाहीन शाहिद फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में काम करते थे।
जवाद ने सबसे पहले अल-फलाह नाम से इन्वेस्टमेंट कंपनी खोली थी। इसमें अच्छे मुनाफे का वादा कर निवेश कराया, लेकिन 2001 में फ्राड कर परिवार समेत दिल्ली शिफ्ट हो गया। इसके बाद कॉलेज की शुरुआत की। बाद में यह यूनिवर्सिटी बनी।
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एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मालिक जवाद का परिवार महू के कायस्थ मोहल्ले में रहता था। जवाद के दो और भाई हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई भी महू में ही हुई।
पिता मोहम्मद हामिद सिद्दीकी महू के शहर काजी रहे हैं। पुलिस अब महू में रहने वाले उसके रिश्तेदारों की जानकारी जुटा रही है।