नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर के दंत चिकित्सक से एक ठग ने नौकरी के नाम पर एक करोड़ 80 लाख रुपये ठग लिए। ठग ने बाकायदा नियुक्ति पत्र बनाए और अफसरों के नाम से रुपये लेता गया। छह साल बाद भी नौकरी नहीं मिलने पर पीड़ित पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह के पास पहुंचे और एफआइआर दर्ज करवाई। डॉक्टर का दावा है कि संगठित गिरोह सक्रिय है, जो इसी तरह करोड़ों रुपये ठग रहा है।
पुलिस के अनुसार, शिवसिटी (राजेंद्रनगर) निवासी डॉ. सुभाष आरपी सोनकेसरिया की आरोपित राकेश सुमन से 2018 में इंडेक्स मेडिकल कालेज (खुड़ैल) में मुलाकात हुई थी। उसने खुद को रेलवे अफसर बताया और कहा कि मंत्रालय तक पकड़ है। उसने डॉ. सुभाष की पत्नी जया व रिश्तेदार उर्मिला सोनकेसरिया, अनिता शंखपाल की रेलवे व पुरातत्व विभाग में उच्च पदों पर नौकरी लगाने का झांसा दिया। राकेश ने आवेदकों से मार्कशीट, आइडी कार्ड और फोटो लिए। साथ ही टुकड़ों में एक करोड़ 80 लाख रुपये ले लिए।
छह साल बाद भी नौकरी नहीं लगाने पर डॉ. सुभाष ने जनसुनवाई में शिकायत कर एसआइटी गठित करने की गुहार लगाई। डीसीपी (अपराध) राजेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार रात राकेश पुत्र विजय सुमन निवासी सिंगापुर ग्रीन व्यू प्रिमियम एनएक्स (बिजूखेड़ी) के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली। मूलत: देवास निवासी राकेश कई लोगों से ठगी कर चुका है। देर रात पुलिस ने उसके ठिकानों पर छापे मारे, पर वह फोन बंद कर फरार हो गया।
डॉक्टर का दावा है कि गिरोह में रत्ना तिवारी, सीमा तिवारी, उर्मिला तिवारी, डीके सिंह, लालबहादुर सक्सेना, मनोज कुमार कुर्मी सहित अन्य लोग भी शामिल हैं। सीबीआइ से बचाने के नाम पर लाखों रुपये वसूले आरोपित राकेश ने 2018 से जून 2014 तक वसूली की। उसने जया सोनकेसरिया और उर्मिला सोनकेसरिया, अनिता शंखपाल के फर्जी आइडी कार्ड व नियुक्ति पत्र भी दे दिए। आरोपित भारतीय पुरातत्व विभाग (भोपाल) भी ले गया। इसके बाद सीबीआइ छापे की फर्जी कहानी गढ़ी और डॉक्टर से कहा कि रेल अधिकारी डीके सिंह को सीबीआइ ने पकड़ लिया। उसके घर से जया और उर्मिला के दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीबीआइ रिश्वत देकर नौकरी लेने के आरोप में गिरफ्तार कर सकती है। डॉक्टर ने सीबीआइ से बचाने के नाम पर भी डॉक्टर से लाखों रुपयों की वसूली की। पुलिस के मुताबिक जांच में सीबीआइ के फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र, रेलवे के आइडी कार्ड, पुरातत्व विभाग का पत्र, जननी सुरक्षा योजना का लेटर सहित अन्य जाली दस्तावेज जब्त किए हैं। डॉक्टर ने जांच के लिए एसआइटी गठित करने की मांग की है।
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