
लोकेश सोलंकी, नईदुनिया, इंदौर। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप कांड के बाद केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने दवा निर्माण कंपनियों पर सख्ती शुरू कर दी है। सीडीएससीओ ने 7 नवंबर को राज्यों को जारी आदेश में बताया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइन और भारत सरकार के रिवाइज्ड शेड्यूल एम के पालन के लिए सरकार के पोर्टल पर देशभर की पांच हजार में से केवल 1400 दवा निर्माण कंपनियों ने ही आवेदन दिया है।
आवेदन करने वाली कंपनियों को मानकों के अनुरूप अपडेट होने के लिए जनवरी 2026 तक का समय दिया गया है। वहीं, शेष कंपनियां या तो मानक पर पहले से खरी हैं या फिर वे सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं करना चाहतीं।
ड्रग कंट्रोलर जनरल डॉ. राजीवसिंह रघुवंशी ने राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि शेष करीब 3600 कंपनियों का तुरंत निरीक्षण किया जाए और दिसंबर तक केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाए। जो दवा कंपनियां बिना मानकों के दवा निर्माण कर रही हैं, उन पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए।
बाकी राज्यों ने शुरू की कार्रवाई, मध्य प्रदेश में आदेश का इंतजार
केंद्र ने राज्यों के ड्रग कंट्रोलरों से कहा है कि दवा कंपनियों का तुरंत निरीक्षण शुरू करें। जांच के दायरे में उन कंपनियों को लिया जाए जो रिवाइज्ड शेड्यूल एम के पालन के लिए सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं हुई हैं।
आदेश के बाद हिमाचल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में निरीक्षण और कार्रवाई शुरू हो गई है, लेकिन मध्य प्रदेश में प्रशासन चुप है। इंदौर के औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल से आदेश नहीं मिला है। जब तक भोपाल से ड्रग कंट्रोलर आदेश नहीं देते, तब तक हम अपने स्तर पर निरीक्षण शुरू नहीं कर सकते।
मप्र में आधी कंपनियों पर खतरा
मध्य प्रदेश में करीब 70 दवा कंपनियां हैं। इनमें से बमुश्किल आधी कंपनियों ने पोर्टल पर आवेदन कर समय मांगा है। आवेदन नहीं करने वाली बाकी आधी इकाइयों का यदि अभी निरीक्षण हुआ तो उनमें से ज्यादातर मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी और उन्हें उत्पादन बंद करना होगा।
देशभर में कितनी दवा कंपनियां
देश में दवा निर्माण करने वाली करीब दस हजार एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयां मानी जाती हैं। इनमें से आधी लोन लाइसेंस यानी दूसरे ब्रांड के लिए निर्माण करने वाली इकाइयां हैं। शेष करीब पांच हजार खुद निर्माताओं के लाइसेंस हैं। अब इन पर शिकंजा कसा जा रहा है। दिनेश श्रीवास्तव, राज्य औषधि नियंत्रक “मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। सीडीएससीओ के आदेश और निरीक्षण को लेकर मैं कोई बात नहीं करना चाहता, ना अभी जानकारी दे सकता हूं।”